Hamirpur News: विदेशी परिंदों से गुलजार हुई पौंग झील में पक्षियों का शिकार करने के लिए निजी नहीं बल्कि बाहरी लोग पहुंचते हैं. ऐसे लोगों पर शिकंजा कसने के लिए वन्य प्राणाी विभाग ने टीमों का गठन किया है ताकि पक्षियों का अवैध शिकार न किया जा सके. 


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वन्य प्राणी विभाग के माध्यम से निजी भूमि में लगाए गए जाले भी उखाड़ दिए गए हैं. इन जालों में फंसकर कई बार पक्षियों की मृत्यु हो जाती है. ऐसे जालों को विभाग की तरफ से उखाड़ दिया गया है. विभाग का फ्लाइंग स्कवायड तथा टेरोटोरियल का स्टाफ भी पूरी तरह से अलर्ट है. 


इसके साथ ही वन्य प्राणी विभाग ड्रोन के माध्यम से भी पौंग डैम में प्रवास के लिए पहुंचे पक्षियों पर निगरानी रखी जाती है. सुनिश्चित किया जा रहा है कि कोई भी पक्षियों का अवैध शिकार न कर पाए. बता दें कि कुछ वर्ष पहले पौंग झील किनारे कई पक्षी मृत पाए गए थे. कयास लगाए जा रहे थे कि जंगली जानवर इन्हें अपना शिकार बना लेते होंगे. 


हालांकि बाद में इस बात का भी पता चला कि कई लोग इनका अवैध शिकार कर रहे हैं. अवैध शिकार का पता चलने के बाद वन्य प्राणी विभाग की तरफ से पक्षियों के अवैध शिकार को रोकने के लिए तैयारियां की गई है. 


विभाग ने पक्षियों की सुरक्षा के मद्देनजर पौंग झील को 15 बीट में विभाजित किया है. इन बीट में बर्ड वाचर्ज की 15 टीमें गठित की गई हैं, जो दूरबीन के जरिए दिन रात पक्षियों की सुरक्षा में चौकस हैं. जाहिर है कि इस बार भी पौंग झील में पक्षियों की 80 से अधिक प्रजातियां पहुंची हैं. पौंग झील पक्षियों की पूरी तरह गुलजार हो चुकी है.


डीसीएफ वाइल्ड लाइफ हमीरपुर रेजीनॉल्ड रॉयस्टान का कहना है कि प्रवासी पक्षियों की सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं. कमेटियां गठित की गई हैं जो कि दिन रात पक्षियों पर निगरानी बनाए हुए हैं. पौंग झील में दूरबीन से लैस 15 टीमें पक्षियों पर नजर रख रही हैं.  लोगों द्वारा निजी भूमि में लगाए गए ट्रैप भी हटा दिए गए हैं. इन जाल में फंसकर पक्षियों को जान का खतरा पैदा हो जाता है. 


रिपोर्ट- अरविंदर सिंह, हमीरपुर