Bilaspur News: बिलासपुर के घुमारवीं उपमंडल के अंतर्गत गाहर से केट नसवाल सड़क का निर्माण एफडीआर तकनीक से होगा जो कि एफडीआई तकनीक से बनाई जाने वाली हिमाचल प्रदेश की पहली सड़क होगी. इस बात की जानकारी हिमाचल प्रदेश के तकनीकी शिक्षा मंत्री राजेश धर्माणी ने लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों के साथ गाहर से केट नसवाल सड़क के निरीक्षण के उपरांत कही. 


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राजेश धर्मानी ने कहा कि इस तकनीक के तहत पुरानी रोड़ का उच्चीकरण किया जाता है. इसमें पुरानी रोड़ की गिट्टी समेत अन्य चीजों का ही रिसाइकल कर इस्तेमाल किया जाता है. साथ ही उन्होंने बताया कि इस तकनीक से बनने वाली सड़कें एनवायरनमेंट फ्रेंडली, राइडिंग की उच्च गुणवता व अधिक टिकाऊपन होती है. 


उन्होंने कहा कि शुरुआती चरण में प्रदेश की विभिन्न 113 सड़कें एफडीआर तकनीक का इस्तेमाल करके बनाई जाएंगी व ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले लोगों की सुविधा के लिए सड़क नेटवर्क को मजबूत किया जा रहा है. इस अवसर पर लोक निर्माण विभाग के अधिशाषी अभियंता ने जानकारी देते हुए बताया कि ट्रायल के तौर पर इस सड़क के कुछ भाग का इस तकनीक से निर्माण किया जाएगा. इससे पहले इसकी गुणवत्ता की जांच भी की जाएगी व गुणवाता जांच के उपरांत इस सड़क का निर्माण किया जायेगा. 


साथ ही उन्होंने बताया कि एफडीआई तकनीक से सड़क निर्माण के बजट में 80% तक की बचत होगी. गौरतलब है कि एफडीआर तकनीक से पहली मर्तबा बनने जा रही करीब सात किलोमीटर गाहर-केट सम्पर्क सड़क पर लगभग 5 करोड़ 50 लाख रुपए खर्च किए जाएंगे, जिससे इस क्षेत्र के लगभग पांच हजार लोग लाभांवित होंगे. 


इसके अलावा हिमाचल सरकार द्वारा घुमारवीं उपमंडल के अंतर्गत डंगार से जाहू वाया लोहट, भराड़ी, बाड़ा दा घाट सड़क को मेजर जिला सड़क योजना में चयनित किया है. इस बात की जानकारी देते हुए कैबिनेट मंत्री राजेश धर्मानी कहा कि इस सड़क योजना के अंतर्गत चयनित होने से इस क्षेत्र के हजारों लोगों को लाभ मिलेगा. इस योजना के अंतर्गत यह सड़क अब शहरों की तरह ही चौड़ी व सपाट बनेंगी, जिससे बेहतर मेंटेनेंस के साथ बेहतर आवागमन हो सकेगा. साथ ही उन्होंने बताया कि ग्रामीण सड़क में बढ़ते ट्रैफिक को देखते हुए इस सड़क को ग्रामीण सड़क से मेजर डिस्टिक रोड के लिए अपग्रेड किया गया है. 


रिपोर्ट- विजय भारद्वाज, बिलासपुर