Haryana violence News: हरियाणा की आशा वर्कर्स अपनी मांगों को लेकर 08 अगस्त से हड़ताल पर हैं. ऐसे में आशा वर्कर्स की तरफ से आज यानी 28 अगस्त को विधानसभा का घेराव करने का ऐलान किया गया है.  जिसके बाद पंचकूला के सेक्टर-5 के धरना स्थल पर आशा वर्कर्स इक्ट्ठा होना शुरू हो गई. ऐसे में  पुलिस ने प्रदर्शन को रोकने के लिए आशा वर्कर्स को हिरासत में लेना शुरू कर दिया है. इतना ही नहीं, पंचकूला में डीसीपी सुमेर प्रताप सिंह ने धारा 144 लगा दी है. 


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साथ ही आशा वर्करों द्वारा धरना प्रदर्शन करने और विधानसभा घेराव का कूच करने पर रोक लगाया है.  बता दें, आशा वर्करों द्वारा अपनी मांगों को लेकर पंचकूला से चंडीगढ़ की ओर हरियाणा विधानसभा घेराव का ऐलान किया गया है. जिसके मद्देनजर पंचकूला पुलिस उपायुक्त सुमेर प्रताप सिंह ने पंचकूला में धारा 144 लागू की है. 


जिले भर से आशा वर्कर पंचकूला पहुंचने वाली थी, लेकिन प्रशासन द्वारा आशा वर्कर के वाहनों को जपत कर लिया गया और आशा वर्कर को घर में ही नजर बंद कर दिया गया. वहीं, पंचकूला पुलिस के जवान चप्पे-चप्पे पर निगरानी रखे हुए हैं कि कोई भी आशा वर्कर चंडीगढ़ की तरफ कूच ना करें. 



राज्य अध्यक्ष सुरेखा ने कहा वह अपनी जायज मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रही है. हम शांतिपूर्वक प्रदर्शन करना चाहते थे, लेकिन सरकार उन्हें शांतिपूर्वक प्रदर्शन करने नहीं देना चाहती. 


जानकारी के अनुसार, आशा वर्कर्स ने सरकार पर अनदेखी का आरोप लगाया है. उनका कहना है कि सरकार उन्हें काम के अनुसार सैलरी नहीं दे रही है. साल 2020 में कोरोना काल के समय भी वो अपनी जान-जोखिम में डालकर लगातार काम करती रहीं थी, लेकिन सरकार द्वारा उनका वेतन नहीं बढ़ाया गया. जिसके कारण ही आशा वर्कर्स वेतन बढ़ाने और अपनी समस्याओं के समाधान के लिए 21 दिनों से हड़ताल पर हैं