Baramulla Terror Attack: जम्मू-कश्मीर (Jammu-Kashmir) के बारामुला जिले में आतांकियों के साथ आतंकी मुठभेड़ में हिमाचल के लाल ने देश के लिए सर्वोच्च बलिदान दिया है.  बारामूला में आतंकी मुठभेड़ में सैनिक कुलभूषण मांटा को आतंकी की गोली लगने से मौत हो गई. 


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बता दें, कश्मीर के बारामुला जिले के सीरी इलाके के वनसीरन तारीपोरा जंगल क्षेत्र में सर्च ऑपरेशन के दौरान बुधवार को मुठभेड़ हुई, जिसमें एक आतंकी मारा गया, जबकि गोलीबारी में सेना की  52 राष्ट्रीय राइफल्स के जवान कुलभूषण मांटा गोली लगने से घायल हो गए. जिन्हें तुरंत अस्पताल लाया गया. ऐसे में गुरुवार रात उन्होंने दम तोड़ दिया.  


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कुलभूषण मांटा शिमला जिले की तहसील कुपवी के गांव गौंथ के रहने वाले थे. जैसे ही जवान के शहीद होने की सूचना पैतृक गांव में पहुंची तो पूरे परिवार सहित गांव में शोक की लहर दौड़ पड़ी. 


हालांकि, गुरुवार को तलाशी अभियान के दौरान सुरक्षाबलों ने लश्कर-ए-तैयबा के एक आतंकी को गिरफ्तार कर लिया है. जानकारी के मुताबिक, तारीपोरा सुल्तानपोरा के जंगल में बुधवार को आतंकियों के छिपे होने की सूचना मिली थी. ऐसे में पुलिस और सेना ने संयुक्त रुप से तलाशी अभियान चलाया था. जिसके बाद सुल्तानपोरा के जंगलों में आतंकियों ने जवानों पर ताबड़तोड़ फायरिंग शुरू कर दी. 


बता दें, कुलभूषण मांटा माता-पिता के इकलौते पुत्र थे. उनकी तीन बहने हैं. इसमें से दो बहनों की शादी हो गई है और एक बहन अभी अविवाहित है. शहीद फौजी अपने पीछे पत्नी और बच्चे को छोड़ गए हैं. उनकी पत्नी का नाम नीतू कुमारी है और उनका ढाई महीने का एक बेटा है. 


कुलभूषण मांटा साल 2014 में सेना में भर्ती हुए थे. 26 साल के उम्र में उन्होंने जम्मू-कश्मीर के बारामूला में आंतकवादियों से भीड़ते हुए राइफलमैन कुलभूषण मांटा ने शहादत हासिल की. शहीद जवान के पार्थिव शरीर को उनके गांव में लाया जाएगा, जहां पर पूरी सैन्य सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा. 


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