Himachal Apple: हिमाचल प्रदेश में किसान नाले में बहा रहे सेब! जानें क्या है पूरा मामला
Himachal Apple: हिमाचल प्रदेश में इस बार मॉनसून ने जबरदस्त तबाही मचाई है. वहीं इस वजह से सेब बागवानों को भी काफी नुकसान हुआ है. पढ़िए पूरी खबर...
Himachal News: हिमाचल प्रदेश में इस बार मॉनसून ने जबरदस्त तबाही मचाई है. ऐसे में पहाड़ी प्रदेश के लाखों बागवानों पर भी चुनौतियों का पहाड़ खड़ा हो गया है. पिछले एक महीने से बारिश ने राज्य के सड़कों को खूब नुकसान पहुंचाया है.
वहीं, इन दिनों सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल (Viral Video) हो रहा है. ये वीडियो बीजेपी हिमाचल के ट्वीटर से शेयर किया है. यह वीडियो हिमाचल प्रदेश के रोहड़ू क्षेत्र का बताया जा रहा है. वीडियो में दावा किया जा रहा है कि कांग्रेस सरकार की बनने के बाद से किसान सेब बहाने को मजबूर हैं. उनके लिए सरकार कोई काम नहीं कर रही है.
हालांकि, इसकी वजह बारिश और भू-स्खलन साथ ही सड़के क्षतिग्रस्त बताई जा रही है. जिसके कारण बागवान सेब को मंडी तक नहीं पहुंचा पा रहे हैं. ऐसे में बाग से तोड़े सेब कहां रखें? तो फिर वे इसे नाले में बहा रहे हैं. ऐसे में इस वीडियो के सामने आने के बाद सीएम सुखविंदर सुक्खू ने पलटवार किया है.
हिमाचल प्रदेश में सेब फेंकने वाले वायरल वीडियो पर गरमाई सियासत
मुख्यमंत्री सुक्खू ने विपक्ष की कड़े शब्दों में की निंदा. वायरल वीडियो पर सीएम बोले भाजपा के सोशल मीडिया अकाउंट पर वीडियो देखा. जमीनी हकीकत यह नहीं दर्शाती. मंडियों में 100% सेब पहुंचाया जा रहा है. सीएम ने कहा सोशल मीडिया के माध्यम से भाजपा राजनीति कर रही. बागवानों को यह समस्या आ रही है कुछ सड़के लैंडस्लाइड अन्य कारणों से पूरी बह गई है. दूसरे की जमीन पर सारा मलबा गिरा है. वहीं लोग जमीन देने में आना कानी रहें हैं. प्रशासन लोगों के बातचीत कर समाधान निकलने की कोशिश कर रहा है. जैसे ही लोग अपनी जमीन देने के लिए तैयार होते हैं. जल्द बागवानों का सेब निकलने की कोशिश करेंगे, बागवानों के हित में दिन रात कार्य कर रही है सरकार.
ताजा आंकड़ों के मुताबिक, शिमला जिला में ही 12 उप मंडल की 160 से ज्यादा सड़कें बंद पड़ी है. जिसकी वजह से बागवानों के बागीचों में तैयार सेब की फसल मंडियों तक नहीं पहुंच पा रही है. प्रदेश में सेब उत्पादन के लिए शिमला जिले का जुब्बल, कोटखाई, नारकंडा, चौपाल, कोटगढ़, क्यारी, रोहड़ू इलाका सबसे विख्यात है.
इसलिए प्रदेश की राजधानी शिमला को ऐपल बाउल भी कहा जाता है. यहां सेब खाना हर कोई चाहता है. शिमला जिले के अलावा कुल्लू, मंडी, किन्नौर, चंबा, लाहौल-स्पीति व सिरमौर में भी सेब पैदावार होती है. बता दें, हिमाचल प्रदेश में तकरीबन पांच हजार करोड़ के सेब कारोबार होता है.
बता दें, दिल्ली,मुंबई, कोलकाता, मद्रास सहित देश के हर महानगर में हिमाचल के सेब की भारी मांग रहती है. हिमाचल प्रदेश में पिछले कुछ सालों का आंकड़ा देखा जाए तो साल 2010 में सबसे अधिक 4.46 करोड़ पेटी सेब का उत्पादन हुआ था.
ये है पूरी लिस्ट
2007: 2.96 करोड़ पेटी
2008: 2.55 करोड़ पेटी
2009: 1.40 करोड़ पेटी
2010: 4.46 करोड़ पेटी
2011: 1.38 करोड़ पेटी
2012: 1.84 करोड़ पेटी
2013: 3.69 करोड़ पेटी
2014: 2.80 करोड़ पेटी
2015: 3.88 करोड़ पेटी
2016: 2.40 करोड़ पेटी
2017: 2.08 करोड़ पेटी
2018: 1.65 करोड़ पेटी
2010: 4.46 करोड़ पेटी
2011: 1.38 करोड़ पेटी
2012: 1.84 करोड़ पेटी
2013: 3.69 करोड़ पेटी
2014: 2.80 करोड़ पेटी
2015: 3.88 करोड़ पेटी
2016: 2.40 करोड़ पेटी
2017: 2.08 करोड़ पेटी
2018: 1.65 करोड़ पेटी
2019: 3.75 करोड़ पेटी
2020: 2.80 करोड़ पेटी
इस खबर को शिमला से संदीप सिंह और समीक्षा कुमारी ने लिखा है.