Una News: औद्योगिक विकास किसी भी राज्य की प्रगति और समृद्धि का मूल स्तंभ होता है, जो न केवल रोजगार के नए अवसर पैदा करता है, बल्कि जनजीवन में व्यापक सुधार और आर्थिक सशक्तिकरण का मार्ग भी प्रशस्त करता है. हिमाचल प्रदेश के ऊना जिले के हरोली विधानसभा क्षेत्र में निर्माणाधीन बल्क ड्रग पार्क परियोजना इसी दिशा में एक निर्णायक कदम है.


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1405 एकड़ क्षेत्र में लगभग 2000 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाली इस परियोजना का उद्देश्य राज्य के औद्योगिक विकास को नई ऊंचाइयां देना और फार्मास्यूटिकल उत्पादन में आत्मनिर्भरता हासिल करना है. हिमाचल सरकार ने इसमें 1000 हजार करोड़ के पूंजी निवेश के साथ इसके संचालन का जिम्मा भी स्वयं लिया है.


सरकार का प्रयास है कि इस परियोजना के जरिए हिमाचल के औद्योगिक परिदृश्य को एक नई दिशा दी जाए, जिससे हजारों लोगों को रोजगार मिलेगा. उद्योग विभाग के संयुक्त निदेशक अंशुल धीमान ने जानकारी देते हुए बताया कि बल्क ड्रग पार्क परियोजना का मुख्य उद्देश्य दवाओं के निर्माण के लिए आवश्यक सामग्री, जिसे एक्टिव फार्मास्यूटिकल इंग्रेडिएंट (एपीआई) कहा जाता है की आपूर्ति में आत्मनिर्भरता प्राप्त करना है.


यह परियोजना हिमाचल प्रदेश को फार्मास्यूटिकल क्षेत्र में अग्रणी भूमिका निभाने का अवसर प्रदान करेगी. परियोजना के तहत बुनियादी ढांचे का विकास तीव्र गति से करने के लिए प्रतिबद्धता से जुटे हैं. इससे राज्य को एपीआई के आयात पर निर्भरता समाप्त करने में मदद मिलेगी. इसके परिणामस्वरूप, भारत की फार्मास्यूटिकल आपूर्ति श्रृंखला सुदृढ़ होगी और दवाओं की राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय बाजारों में आपूर्ति में भी सुधार आएगा. 


उल्लखेनीय है कि हिमाचल प्रदेश में औद्योगिक विकास को गति देने के उद्देश्य से मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने जून महीने में अपने हरोली दौरे में बल्क ड्रग पार्क परियोजना से जुड़े 150 करोड़ रुपये की लागत वाले चार बड़े विकास कार्यों की आधारशिला रखी थी. इनमें प्रशासनिक भवन, जल परियोजनाएं, और अन्य बुनियादी सुविधाओं का निर्माण शामिल हैं. मुख्यमंत्री ने पन्जुआना से कुठेड़ बीट तक 42.04 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाले संपर्क मार्ग, 73.84 करोड़ रुपये से निर्मित प्रशासनिक और आवासीय ब्लॉक, और पोलियां गांव में 14.44 करोड़ रुपये की लागत से 10 एमवीए बिजली आपूर्ति जैसी प्रमुख परियोजनाओं के शिलान्यास किए थे.


इसके अलावा, टाहलीवाल में 15.83 करोड़ रुपये की लागत से 220/132 केवी सब-स्टेशन की स्थापना की जाएगी. वहीं, मुख्यमंत्री ने जैजों से पोलियां तक 5 किलोमीटर लंबी रेल लाइन बिछाने की भी घोषणा की है, जिसकी लागत 3,400 करोड़ रुपये होगी. इसका उद्देश्य बल्क ड्रग पार्क को राष्ट्रीय नेटवर्क से जोड़कर औद्योगिक सामग्रियों की निर्बाध आवाजाही सुनिश्चित करना है, जिससे स्थानीय उद्योगों की उत्पादकता में वृद्धि होगी. 


निवेशकों को आकर्षित करने के लिए हिमाचल सरकार ने विशेष प्रोत्साहन योजनाएं भी शुरू की हैं, जिनमें 1 रुपये प्रति वर्ग मीटर भूमि और सस्ती दरों पर बिजली आपूर्ति जैसी सुविधाएं शामिल हैं. बल्क ड्रग पार्क परियोजना से स्थानीय युवाओं के लिए रोजगार के असीमित अवसर उत्पन्न होंगे. अनुमान के अनुसार, परियोजना के पूरा होने पर 20,000 से अधिक प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार के अवसर सृजित होंगे. क्षेत्र के बेरोजगार युवाओं को तकनीकी प्रशिक्षण प्रदान कर उन्हें इस विशाल उद्योग में काम करने योग्य बनाया जाएगा. इससे स्थानीय निवासियों की आर्थिक स्थिति में व्यापक सुधार होगा, जो उनके जीवन स्तर को ऊंचा उठाएगा.


बल्क ड्रग पार्क परियोजना की आमद से ऊना देश के मानचित्र पर उबरेगा. जहां पर वर्ल्ड ड्रग पार्क के शुरू हो जाने के बाद दवाइयां के रॉमैटेरियल तैयार होने से देश में सस्ती दबाए बनेगी और लोगों को सस्ती दवाएं भी मिलेगी.


रिपोर्ट- राकेश मालही, ऊना