Shimla News: हिमाचल प्रदेश में राज्य बिजली बोर्ड के बड़े अफसर के पदों की युक्तिकरण के लिए पूरा प्लान तैयार कर लिया गया है. हालांकि निचले स्तर पर कर्मचारियों की भर्ती करके फील्ड में मजबूती देने का प्लान बनाया है. 


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राज्य के तकनीकी शिक्षा मंत्री राजेश धर्माणी की अध्यक्षता में बुधवार को विद्युत बोर्ड दूसरी सब कमेटी की बैठक में यह फैसला लिया है कि बड़े पदों का युक्तीकरण किया जाए. छोटे पदों पर भर्ती की जाए. इससे लोगों को बेहतर बिजली की सेवाएं बिना किसी बाधा के दी जा सकेगी. 


मंत्री राजेश धर्माणी की अध्यक्षता में आयोजित बैठक दो चरणों में हुई. पहले चरण में प्रबंधन के साथ मंत्री राजेश धर्माणी ने विद्युत बोर्ड के विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की. इसके उपरांत विद्युत बोर्ड के कर्मियों के साथ OPS व खाली पड़े पदों सहित अन्य विभिन्न मुद्दों पर चर्चा हुई.


बैठक के उपरांत मंत्री राजेश धर्माणी ने बताया कि राज्य बिजली बोर्ड में गलत नीतियों पर काम किया जाता रहा. इस कारण आज बोर्ड में 11500 पद बिजली बोर्ड में खाली पड़े हैं. इसका खामियाजा हिमाचल की जनता को भुगतना पड़ रहा है. प्रदेश में राज्य के बिजली उपभोक्ताओं की हालत खराब ना हो, उन पर कोई अतिरिक्त भार न पड़े. इस दिशा में काम किया जा रहा है. 


उपभोक्ताओं को बेहतर और अच्छी सुविधाएं सस्ती दरों पर मिल सके. इस पर ही कैबिनेट सब कमेटी की बैठक में मंथन किया जा रहा है. हिमाचल में बिजली खरीदने की दर सबसे सस्ती है, लेकिन सप्लाई करने की लागत सबसे ज्यादा है. इसे कम करने के लिए नुकसान खत्म करने व अधिकारियों के पदों का युक्तीकरण किया जाना अनिवार्य है. इससे बोर्ड का प्रशासनिक खर्च घटाया जा सकेगा. 


उन्होंने कहा कि राज्य बिजली बोर्ड में हाल ही में 261 अफसरों की पदोन्नति की. इससे प्रशासनिक खर्च बढ़ा, इसकी भरपाई के लिए कर्मचारियों के पद खत्म किए. इनका काम आउटसोर्स या निजी हाथों में सौंप दिया. उन्होंने कहा कि बैठक में कर्मचारियों ने OPS को लेकर भी पक्ष रखा. इस विषय पर भी चर्चा हुई. मंत्री राजेश धर्माणी ने कहा कि ओपीएस देने का निर्णय अच्छा है लेकिन वो बताए रिसोर्स कहा से आ सकता है. उसका ध्यान रखना चाहिए. पहले इसके लिए रिसोर्स ढूंढने पड़ेंगे. 


रिपोर्ट- समीक्षा कुमारी, शिमला