Bilaspur News: हिमाचल प्रदेश में आई प्राकृतिक आपदा से प्रभावित हुए लोगों को राहत व पुनर्वास देने के मद्देनजर बिलासपुर में जिला स्तरीय कार्यक्रम का आयोजन किया गया. वहीं, बहुउद्देशीय सांस्कृतिक परिसर बिलासपुर में आयोजित इस कार्यक्रम में प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू मौजूद रहे. जिन्होंने प्राकृतिक आपदा के दौरान अपने घरों को खोने वाले पीड़ित लोगों को 3 लाख रुपए प्रति प्रभावित परिवार पहली किस्त दी है. 


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गौरतलब है कि बिलासपुर सदर विकास खंड के अंतर्गत 404 आपदा प्रभावित परिवारों को 01 करोड़ 93 हजार रुपए, घुमारवीं विकास खंड के अंतर्गत 532 आपदा प्रभावित परिवारों के खाते में 04 करोड़ 55 लाख रुपए, झंडूता विकास खंड के अंतर्गत 198 आपदा प्रभावित लोगों के खाते में 01 करोड़ 21 लाख 77 हजार रुपए और स्वारघाट विकास खंड के अंतर्गत 28 आपदा प्रभावित लोगों के खाते में कुल 19 लाख 10 हजार रुपए की धनराशि आज डाली जाएगी. 


इसके अलावा बिलासपुर जिला में कुल 94 घर ऐसे हैं जो कि आपदा के दौरान पूरी तरह क्षतिग्रस्त हुए थे. उनसे संबंधित पीड़ित परिवारों को आज 03 लाख रुपए प्रति घर पहली किस्त चेक के रूप में वितरित की गई है और जब घर निर्माण कार्य शुरू होगा तब उन्हें दूसरी क़िस्त के रूप में अन्य बची 04 लाख रुपये की धनराशि भी जारी कर दी जाएगी. 


वहीं, जनता को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने पूर्व भाजपा सरकार पर निशाना साधते हुए प्रदेश का खजाना खाली करने का आरोप लगाते हुए प्रदेश में आई प्राकृतिक आपदा के बावजूद केंद्र सरकार की मदद के बिना ही सीमित साधनों व प्रदेश की जनता व सरकारी कर्मचारियों द्वारा मुख्यमंत्री राहत कोष से आपदा प्रभावित लोगों की मदद करने की बात कही है. 


सीएम ने कहा कि 07 जुलाई को प्रदेश में पहली आपदा आई थी और आज 25 अक्टूबर को तीन से चार माह के भीतर ही आपदा प्रभावित लोगों को राहत व पुनर्वास के तहत पैसा भी जारी कर दिया गया है, जो कि आज से पहले कभी नहीं हुआ था. साथ ही सीएम ने कहा कि शिक्षा व स्वास्थ्य के क्षेत्र में हिमाचल प्रदेश लगातार पिछड़ता जा रहा है और आज प्रदेश कैंसर पीड़ित मरीजों की संख्या के आधार पर देशभर में दूसरे पायदान पर आ पहुंचा है जबकि शिक्षा के क्षेत्र में हिमाचल प्रदेश देश में 18वें स्थान पर है जो कि चिंता का विषय है और इसे दूर कर गुणात्मक शिक्षा व बेहतरीन स्वास्थ्य की दिशा में प्रदेश सरकार ठोस कदम उठाएगी व जिसपर लगातार सरकार कार्य कर रही है. 


बिलासपुर में पर्यटन को बढ़ावा देने के मद्देनजर गोविंद सागर झील को पर्यटन के आधार पर नोटिफाइड करने की बात कहते हुए सीएम ने कहा कि अब गोविंद सागर झील में एडवेंचर स्पोर्ट्स प्रेमी शिकारा, क्रूज, मोटरबोट व वाटर स्कूटर लाकर झील का लुत्फ उठा सकते हैं. 


बीबीएमबी में फ्री रोयल्टी ना मिलने के विषय पर उन्होंने कहा कि भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा को पत्र लिखकर अपील की है कि बीबीएमबी से हिमाचल प्रदेश को 12 प्रतिशत फ्री रोयल्टी के लिए वह केंद्र सरकार को पत्र लिखें ताकि केंद्र व प्रदेश सरकार मिलकर बीबीएमबी से 12 प्रतिशत फ्री रोयल्टी ले सकें और भाखड़ा बांध बनने से विस्थापित हुए लोगों को भी उनका सही हक दिलवाने में दोनों सरकारें अपनी भूमिका अदा कर सकें.


आगे सीएम ने कहा कि हिमाचल प्रदेश ने देश में पहला ऐसा कानून बनाया है जिसके अंतर्गत अनाथ बच्चों के लिए जिनके माता पिता नहीं है. सरकार ही उनकी माता है पिता है का वचन देते हुए ऐसे बच्चों को चिल्ड्रन ऑफ स्टेट का दर्जा दिया गया है और शिक्षा से लेकर विवाह व रोजगार तक हर तरह की सुविधा प्रदेश सरकार उन्हें देगी. 


वहीं राहत व पुनर्वास कार्यक्रम के अंत में मुख्यमंत्री ने जहां आपदा प्रभावित लोगों को राहत चेक वितरित किये तो साथ ही सूखाश्रय योजना के तहत लाभार्थी युवकों को भी सर्टिफिकेट बांटे.