Himachal Congress: कांग्रेस ने शुक्रवार को हिमाचल प्रदेश के लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह को हिदायत दी कि वह या कोई अन्य नेता पार्टी की नीतियों तथा विचारधारा के खिलाफ नहीं जा सकता. प्रदेश में दुकानदारों के लिए नेमप्लेट से संबंधित मुद्दे पर बयान देने वाले विक्रमादित्य सिंह ने यहां कांग्रेस के संगठन महासचिव के.सी. वेणुगोपाल से मुलाकात कर मामले पर अपनी स्थिति स्पष्ट की. 


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कांग्रेस सूत्रों ने बताया कि वेणुगोपाल ने विक्रमादित्य से दो टूक कहा कि वह या कोई अन्य नेता कांग्रेस की नीतियों और विचारधारा के विरुद्ध नहीं जा सकता.  सूत्रों के अनुसार, वेणुगोपाल ने हिमाचल सरकार के मंत्री से यह भी कहा कि लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी देश में नफरत के खिलाफ मोहब्बत की राजनीति कर रहे हैं तथा ऐसे में कोई भी कांग्रेस नेता पार्टी की विचारधारा के विरुद्ध नहीं जा सकता. 


सूत्रों का कहना है कि विक्रमादित्य सिंह ने वेणुगोपाल के समक्ष यह सफाई दी कि उनकी टिप्पणियों को मीडिया ने तोड़-मरोड़कर पेश किया. रेहड़ी-पटरी वाले दुकानदारों के लिए नाम प्रदर्शित करने को अनिवार्य बनाने के मंत्री विक्रमादित्य सिंह के ऐलान को लेकर आलोचना का सामना करने के बाद हिमाचल प्रदेश सरकार ने बृहस्पतिवार को कहा था कि ऐसा कोई भी निर्णय नहीं लिया गया है.


विक्रमादित्य सिंह ने कांग्रेस महासचिव के. सी. वेणुगोपाल से मुलाकात पर कहा, पार्टी को लेकर चर्चा हुई कि संगठन को कैसे आगे बढ़ाया जाए और इसे कैसे मजबूत किया जाए. मीडिया में जो(भोजनालयों पर मालिकों के नाम प्रदर्शित करने के संबंध में) चल रहा है, उसको लेकर मैंने कहा है कि प्रदेश की जनता का हित हमारे लिए सर्वोपरि है. इस संबंध में हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों को लागू करना हमारा कर्तव्य है.


इसके लिए कमेटी बनाई गई है. उसकी सिफारिशें भी ली जाएंगी लेकिन यह स्पष्ट है कि हिमाचल के हितों को आगे ले जाना हमारी जिम्मेदारी है. इस बैठक में संगठन की कार्यप्रणाली, विकास कार्य, मीडिया में चल रहे मुद्दे और हिमाचल के हितों पर चर्चा हुई. इसके(भोजनालयों पर मालिकों के नाम प्रदर्शित करने के संबंध में) लिए सर्वदलीय कमेटी बनाई गई है, जो भी प्रदेश के हित में होगा, हम उसे लेकर आगे बढ़ेंगे.


आज इस पर उनकी मां यानी प्रतिभा सिंह ने कहा कि, यह जो विवाद खड़ा हुआ इसके पीछे ऐसी कोई मंशा नहीं थी. अब एक कमेटी गठित की गई है, जिसमें वरिष्ठ नेता हैं जो फैसला लेंगे कि आगे हमें क्या करना है. सभी से सलाह लेकर, सभी की सहमति लेकर हम आगे बढ़ेंगे और तभी फैसला लेंगे.


आपको बता दें, राज्य के लोकनिर्माण और शहरी विकास मंत्री सिंह ने बुधवार को मीडिया से कहा था कि रेहड़ी-पटरी पर दुकान लगाने वाले लोगों के लिए, खासकर खाद्य पदार्थ बेचने वालों के लिए, दुकान पर पहचानपत्र प्रदर्शित करने को अनिवार्य किया जाएगा. उन्होंने कहा था कि यह निर्णय उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा लिए गए फैसले की तर्ज पर लिया गया है. 


रिपोर्ट- भाषा