Himachal Congress: डिप्टी CM मुकेश अग्निहोत्री की बेटी आस्था अग्निहोत्री ने चुनाव लड़ने से किया मना, दी ये वजह
Una Congress News: डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री की बेटी आस्था अग्निहोत्री ने कांग्रेस हाईकमान को विनम्रतापूर्वक स्थिति स्पष्ट करते हुए चुनाव लड़ने में असमर्थता जाहिर की.
Una News: डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री की बेटी आस्था अग्निहोत्री ने अपनी परिस्थितियों को स्पष्ट करते हुए चुनाव लड़ने से इनकार किया है. उन्होंने कहा की राजनीति से ऊपर मेरी मां की स्मृतिया हैं, जिसने मुझे भीतर से तोड़ दिया है. यह समय उन्हें श्रद्धांजलि देने का है. चुनाव लड़ने का कतई नहीं है. इसलिए प्रस्ताव करने के लिए कांग्रेस हाई कमान सहित सभी का आभार.
मैंने विनम्रतापूर्वक कांग्रेस हाई कमान को अपनी परिस्थितियों को स्पष्ट करते हुए चुनाव लड़ने से इनकार किया है. कांग्रेस पार्टी के लिए जान भी हाजिर है. मां ने यह राजनीतिक सल्तनत खड़ी की. उनकी यादों से जूझ रही हूं. इस दु:खद घड़ी में लोकसभा या विधानसभा जाने की लालसा नहीं है.
कांग्रेस पार्टी के नेतृत्व को मैंने आश्वासन दिया है कि जहां मेरी जरूरत होगी मैं प्रचार करूंगी. आस्था अग्निहोत्री ने कहा कि कांग्रेस हाई कमान की ओर से जो प्रस्ताव दिया गया, उसके लिए मैं आभारी हूं. कभी जीवन में यह सोचा नहीं था कि इतनी बड़ी शख्सियत के विरुद्ध चुनाव लड़ने का प्रस्ताव आएगा और मुझे सर्वे दिखाए गए की हर सर्वे में मुझे मजबूत उम्मीदवार के रूप में आगे रखा गया है. यह समय खुशी का था ,लेकिन मैं इस समय खुश भी नहीं हो सकती. मां नहीं है.
मां होती तो कोई निर्णय लेते. मां होती तो उनके साथ इस खुशी को बांट लेती. आज बस में भावुक हूं. मां को याद करते हुए हाई कमान का आभार व्यक्त करती हूं और यह आश्वासन देती हूं कि जहां मेरी जरूरत होगी मैं कंधे से कंधा मिलाकर कांग्रेस पार्टी के नेतृत्व के साथ खड़ी हूं.
मैंने शिक्षा पूरी की है. विदेश से कानून की शिक्षा को आगे पूरा करके लौटी हूं. राजनीति का तो सोचा ही नहीं. मां का चले जाना किस प्रकार से व्यथित करता है. यह महसूस कर रही हूं और जिस हालत में हूं. इसलिए विनम्रता से इनकार कर रही हूं. ऐसी स्थिति को हाई कमान भी समझ पाएगा और जिसके सिर पर मां का साया नहीं है. वह भी मेरी भावनाओं को समझ पाएगा.
मां ने मुझे लाड करते हुए रखा है. किसी चीज की दिक्कत नहीं होने दी. मैं तो घर संभालने की स्थिति में नहीं हूं. उन्होंने कभी कुछ करने भी नहीं दिया, सिर्फ शिक्षा और जीवन के प्रति आगे बढ़ाती रही और खुद साथ छोड़ कर चली गई. अब तो मैं और पिता मुकेश अग्निहोत्री एक दूसरे का सहारा बन रहे हैं. ताकत बन रहे हैं.
रिपोर्ट- राकेश मालही, ऊना