Dharamshala News: हिमाचल प्रदेश के विद्युत कर्मचारी व पेंशनर्स आंदोलन की राह पर अग्रसर हैं. सोमवार को धर्मशाला में विद्युत कर्मियों व पेंशनर्स ने संयुक्त रूप से एक मंच पर आकर सरकार के खिलाफ मोर्चा खोला. धरना प्रदर्शन में शामिल कर्मियों व पेंशनर्स का कहना था कि सरकार ने जल्द बैठक के लिए नहीं बुलाया तो आर-पार की लड़ाई लड़ने से पीछे नहीं हटेंगे. 


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

विद्युत बोर्ड कर्मचारी यूनियन के प्रतिनिधि कुलदीप ने बताया कि 51 पद इंजीनियर्स के समाप्त कर इंजीनियर्स को अलग-अलग जगह स्थानांतरित कर दिया गया. साथ ही विद्युत बोर्ड में आउटसोर्स पर रखे गए 81 चालकों के पदों को समाप्त कर दिया गया है. इनमें से कई आउटसोर्स चालक 14 से 22 साल से सेवाएं दे रहे थे.


विद्युत बोर्ड में ओपीएस देने का भी प्रावधान नहीं किया गया है. कई कर्मी 2 साल पहले रिटायर हुए थे, जिन्हें ग्रेच्युटी और लीव इनकैशमेंट नहीं मिला है. सरकार ने जल्द वार्ता को नहीं बुलाया तो ज्वाइंट फ्रंट के आह्वान पर आगामी रणनीति बनाई जाएगी.


सहायक अभियंता पद पर कार्यरत कर्म चंद भारती ने कहा कि इस प्रदर्शन के माध्यम से सरकार को बिजली बोर्ड का विघटन न करने का संदेश दे रहे हैं. कर्मचारियों व पेंशनर्स के हितों से टकराएंगे तो इस तरह के प्रदर्शन होना लाजमी है. सरकार को विद्युत बोर्ड कर्मचारी नेताओं से मिलकर रास्ता निकालना चाहिए. 


विद्युत बोर्ड रिटायरी फोर्म से जिला सलाहकार सुनीता कुमारी ने कहा कि बोर्ड के कर्मचारी मजबूरी में सड़कों पर उतरते हैं. अभी सरकार द्वारा कर्मचारी विरोधी निर्णय लिए जा रहे हैं, लेकिन एक दिन आएगा. जब कर्मचारी सरकार के विरोध में होंगे. 


बिजली बोर्ड के आउटसोर्स चालक नरेंद्र कुमार ने कहा कि सरकार ने जो आदेश जारी किए हैं. उन्हें वापस लें, कई चालकों को 20 से 22 साल का समय बीत चुका है, लेकिन अब सरकार के ऐसे आदेशों से हमें अपने परिवार की चिंता सताने लगी है. 


रिपोर्ट- विपिन कुमार, धर्मशाला