Himachal CPS News: हिमाचल हाईकोर्ट में सीपीएस को असंवैधानिक करार देने वाली 3 याचिकाओं पर सुनवाई हुई है.  सुनवाई में हाईकोर्ट ने अंतरिम आदेश पर सीपीएस पर मंत्रियों वाली सुविधा छोड़ने के लिए निर्देश दिए. यानी की अब सीपीएस को मंत्रियों वाली सुविधाएं अगले आदेश तक नहीं मिलेंगी. वहीं, इस मामले पर अगली सुनवाई 12 मार्च को होगी. 


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एडवोकेट सतपाल जैन ने बताया कि सीपीएस को असंवैधानिक करार देने वाली तीन याचिकाओं पर सुनवाई हुई है, जिनमें से एक याचिका भाजपा के 11 विधायकों द्वारा दायर की गई है. दूसरी कल्पना नाम की एक महिला है और एक याचिका पीपल फॉर गवर्नेंस संस्था द्वारा की गई है. 


बता दें, 8 जनवरी, 2023 को हिमाचल में मंत्रियों की शपथ से पहले राज्य सचिवालय में मुख्य संसदीय सचिवों की शपथ हो गई. ऐसे में मुख्य संसदीय सचिवों की नियुक्ति हर कोई हैरान कर देने वाली थी. ऐसा इसलिए हुआ था कि क्योंकि साल 2017 से लेकर साल 2022 तक जयराम ठाकुर सरकार में मुख्य संसदीय सचिव नहीं बनाए गए. इसकी वजह से तत्कालीन वीरभद्र सिंह सरकार में मुख्य संसदीय सचिवों की नियुक्ति को असंवैधानिक करार दिया गया था.


ऐसे में बीजेपी के विधायकों ने हाईकोर्ट में इस नियुक्ति को चुनौती दे दी. बीजेपी ने इस नियुक्ति को पूरी तरह असंवैधानिक बताया. जिसे लेकर हाईकोर्ट में इस मामले पर सुनवाई हो रही है. 


जानकारी के लिए बता दें, हिमाचल सरकार ने रोहड़ू से MLA मोहन लाल ब्राक्टा, दून से राम कुमार, कुल्लू से सुंदर सिंह ठाकुर, अर्की से संजय अवस्थी, बैजनाथ से किशोरी लाल और पालमपुर से आशीष बुटेल को CPS बना रखा है. ये लोग मंत्रियों के बराबर सैलरी और अन्य सुविधाएं ले रहे हैं. 


रिपोर्ट- समीक्षा कुमारी