कांगड़ा सीट पर पवन कुमार काजल और सुरेंद्र सिंह काकू के बीच जंग, दिलचस्प होगा मुकाबला
Kangra Assembly: 2022 के हिमाचल विधानसभा चुनाव में कांगड़ा सीट से बीजेपी से पवन कुमार काजल और कांग्रेस से सुरेंद्र सिंह काकू के बीच है मुकाबला.
Himachal Kangra Vidhansabha Seat: हिमाचल प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव (Himachal Assembly Election 2022) में अब कुछ ही दिन रहे गए हैं. 68 विधानसभा सीटों पर एक फेज में वोटिंग होगी. ऐसे में 68 विधानसभा सीटों में कुछ ऐसी हॉट सीटें (Himachal Hot Assembly Seat) भी हैं, जिसपर हर किसी की निगाहें बनी हुई है. ऐसे में हर दिन हम आपको कुछ खास सीटों के बारे में बता रहे हैं, जो इसबार के इलेक्शन में अहम रोल निभाएंगी.
हिमाचल में क्यों राजपूतों के अलावा किसी और जाति का सीएम नहीं बन पाता?
पवन कुमार काजल और सुरेंद्र सिंह काकू के बीच मुकाबला
कागंड़ा सीट 68 विधानसभा सीटों में हॉट सीट में शुमार है. 2022 के चुनाव में इस बार भाजपा से पवन कुमार काजल और कांग्रेस से सुरेंद्र सिंह काकू आमने-सामने हैं.
मंडी सीट पर BJP से अनिल शर्मा और कांग्रेस से चंपा ठाकुर हैं आमने-सामने, किसकी होगी जीत?
कांगड़ा विधानसभा सीट हिमाचल प्रदेश की काफी महत्वपूर्ण विधानसभा सीट है. कांगड़ा क्षेत्र ओबीसी बहुल होने के कारण हर चुनाव में अपनी महत्वपुर्ण भूमिका निभाता है. इस सीट से कांग्रेस के पवन कुमार काजल ने जीत हासिल की थी. बता दें, पवन कुमार ने बीजेपी के संजय चौधरी को 6,208 वोटों के मार्जिन से हराया था.
बता दें, पवन कुमार ने साल 2012 में इस सीट से निर्दलीय चुनाव जीतकर अपनी लोकप्रियता साबित की थी. इसी बात को लेकर कांग्रेस ने उन्हें टिकट देकर दोबारा से चुनावी मैदान में उतारा था. हालांकि, अगस्त 2022 में कांग्रेस से निकलकर पवन कुमार काजल ने भाजपा ज्वाइन कर लिया. जिसके बाद से इस सीट पर मुकाबला और दिलचस्प हो गया है. पवन कुमार के बीजेपी ज्वाइन करने पर अब कांग्रेस से सुरेंद्र काकू ने इस सीट पर धावा बोल दिया है. ऐसे में 2022 के मुकाबले में किसकी जीत होगी, यह देखना काफी दिलचस्प होगा.
बता दें, पवन काजल ने 2019 का लोकसभा चुनाव भी लड़ा था, लेकिन भाजपा के किशन कपूर ने उनको मात दे दी थी. 2017 में कांगड़ा विधानसभा चुनाव में कुल 43.70 प्रतिशत वोट पड़े थे. पवन कुमार काजल को 25,549 यानी 43.70% मत प्राप्त हुए थे जबकि भाजपा के संजय चौधरी दूसरे स्थान पर रहते हुए 19,341 यानी 33.08% वोट हासिल हुए थे. ऐसे में इसबार का चुनाव किसके हक में होगा यह काफी अहम है.
वहीं, सुरेंद्र सिंह काकू की बात करें, तो कुछ महीने पहले कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष और कांगड़ा के कांग्रेस विधायक पवन काजल के भाजपा में शामिल हुए थे, ऐसे में चौधरी सुरेंद्र काकू ने भारी विरोध दर्ज किया था. इसके बाद इसी साल 30 अगस्त को एक कार्यक्रम में चौधरी सुरेंद्र काकू ने भाजपा नेता के शब्द को अपने नाम से हटा दिया था, और कांग्रेस का दामन थाम लिया था.
Watch Live