Una News: मुख्यमंत्री सुख आश्रय योजना (Mukhya Mantri Sukh Ashray Yojana) के तहत ब्लॉक स्तरीय समिति की बैठक मंगलवार को एसडीएम विश्व मोहन देव चौहान की अध्यक्षता में ऊना के कल्याण भवन में आयोजित की गई. 


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इस बैठक में एसडीएम ने बताया कि मुख्यमंत्री ने पहल करते हुए अनाथ बच्चों को चिल्ड्रन ऑफ द स्टेट का दर्जा दिया है. ऐसे में हिमाचल प्रदेश पहला ऐसा राज्य है, जहां पर राज्य सरकार दुर्भाग्यवश अनाथ हुए बच्चों की पढ़ाई, गृह निर्माण, कोचिंग तथा अपना स्वरोजगार शुरू करने के लिए अनुदान दे रही है. 


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उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री सुख आश्रय योजना के तहत 12 मामले अनुमोदन के लिए भेजे गए हैं, जिनमें से 4 अनुमोदित हो चुके हैं तथा 6 विचाराधीन है.  इसके अतिरिक्त 9 मामले सामाजिक सुरक्षा हेतू स्वीकृत हो चुके हैं. इस योजना के अंतर्गत ऑनलाइन कोचिंग आयोजित की जाएगी और ऑफ लाइन कोचिंग सुविधाएं भी प्रदान की जाएंगी. 


हायर सेकेंडरी और ग्रेजुएशन के दौरान कोचिंग दी जाएगी. कोचिंग के लिए प्रति व्यक्ति 1 लाख रुपये प्रति वर्ष की एकमुश्त वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी.  पाठ्यक्रम के दौरान प्रति व्यक्ति प्रति माह 4 हजार रुपये का मासिक वजीफा भी प्रदान किया जाएगा.  हिमाचल प्रदेश राज्य से संबंधित 18 वर्ष की आयु पूर्ण होने के बाद पात्र बच्चों, व्यक्तियों के लिए छात्रावास व मैस शुल्क और ट्यूशन फीस सहित उच्च शिक्षा (शैक्षणिक), व्यावसायिक प्रशिक्षण, कौशल विकास) का सभी व्यय वास्तविक दरों पर वहन करेगा. 


वहीं, अध्ययन अवधि के दौरान उनके व्यक्तिगत खर्चों को पूरा करने के लिए प्रति माह 4 हजार रुपये का वजीफा दिया जाएगा. यदि संस्थान में छात्रावास की सुविधा उपलब्ध नहीं है, तो सरकार डिग्री, पाठ्यक्रम के पूर्ण होने तक छात्रावास के बाहर रहने और रहने का पूरा खर्चा भी वहन करेगी. उन्होंने बताया कि योजना के तहत उत्सव भत्ता 500 रुपये प्रति बच्चा बाल देखभाल संस्थानों, राज्य गृह सह संरक्षण गृह, शक्ति सदन और वृद्धाश्रम के निवासियों के बैंक खाते में मुख्य त्योहार मनाने के लिए हस्तांतरित किया जाएगा. 


रिपोर्ट- राकेश मालही