Shimla News: सुक्खू सरकार पर बरसे जयराम ठाकुर, कहा- सिर्फ टैक्स पर टैक्स लाद देना राजस्व बढ़ाने का तरीका नहीं
Shimla News: अपने गलत फैसलों को सही साबित करने में भारी भरकर लीगल फीस चुका रही सरकार. प्रदेश के लोगों को पूरी तरह से निचोड़ना चाहती है सुक्खू सरकार- जयराम ठाकुर
Shimla News: नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने शिमला में मीडिया के प्रतिनिधियों से बात करते हुए कहा कि राजस्व बढ़ाने के लिए सरकार पॉलिसी में सुधार लाए, सिर्फ़ टैक्स पर टैक्स लाद देना राजस्व बढ़ाने का तरीका नहीं हैं. टैक्स का बोझ किसी समस्या का समाधान नहीं है लेकिन सत्ता में आने के अगले दिन से ही मुख्यमंत्री सिर्फ और सिर्फ टैक्स पर टैक्स बढ़ाने की नीति पर काम कर रहे हैं.
डीजल पर वैट बढ़ाकर सुक्खू सरकार ने अपने काम-काज की शुरुआत की. फिर आपदा आई, आपदा के नाम पर फिर डीजल का वैट बढ़ा दिया. बिजली के बिल बढ़ा दिए, कूड़ा उठाने का बिल बढ़ा दिया, पानी का बिल बढ़ा दिया, प्रॉपर्टी टैक्स बढ़ा दिए, स्टाम्प ड्यूटी बढ़ा दी. एग्रीमेंट में लगने वाले स्टाम्प शुल्क को दस गुना बढ़ा दिया. नकल, खसरा, खतौनी सबके शुल्क कई गुना बढ़ा दिए.
कोई ऐसी सेवा नहीं है, जिसके शुल्क में सुक्खू सरकार में बढ़ोतरी नहीं हुई हो. इसके बाद भी प्रदेश के आर्थिक हालात ठीक नहीं हो रहे हैं तो यह साफ है कि सरकार द्वारा उठाए गए कदम सही दिशा में नहीं हैं. मर्ज कुछ और है और दवाई कुछ और की जा रही है.
जयराम ठाकुर ने कहा कि प्रदेश की आर्थिकी सही करने के लिए राजस्व बढ़ाने वाली नीतियां बनानी होंगी. प्रदेश में उत्पादकता को बढ़ाना होगा. उद्योगों की संख्या बढ़ानी होगी. प्रदेश में औद्योगीकरण को प्रोत्साहित करना होगा. निजी क्षेत्र में निवेश को बढ़ाना होगा, जिससे हिमाचल एक उत्पादक राज्य बन सके, लेकिन कांग्रेस की सरकार में आने के बाद से ही इसका उल्टा काम हुआ. उद्योगों को मिल रहे प्रोत्साहन को ख़त्म करने का प्रयास किया गया. उद्योगों को मिल रही बिजली के दाम मनमाने बढ़ाए जिसे हाई कोर्ट ने पलट दिया.
उद्योगों को सुरक्षा देने के बजाय माफिया को सह दी, जिसके कारण उद्योग पलायन कर गये. प्रदेश के राजस्व को इस तरह से सरकार की नीतियों की वजह से नुकसान हुआ.आज भी सुक्खू सरकार अपने पुराने ढर्रे पर चल रही है.
जयराम ठाकुर ने कहा कि मुख्यमंत्री महोदय को वेलफेयर स्टेट के भी कुछ काम करने चाहिए लेकिन वह प्रदेश के लोगों को टैक्स के बोझ के नीचे दबा रही है, जबकि जनहित के सारे काम बंद कर रही है. लोगों को पांच लाख रुपए के निःशुल्क इलाज की सुविधा मिल रही थी, लेकिन उसे लगभग बंद कर दिया.
बेसहारा लोगों को मिल रही सहारा जैसी योजना बंद कर दी. सामाजिक सुरक्षा पेंशन रेगुलर नहीं हैं, गरीबों का बिजली-पानी सब महंगा कर दिया. घर बनाना मुश्किल कर दिया. दो साल से कम समय में ही सीमेंट के दाम में 100 रुपए की बढ़ोतरी कर दी. प्रदेश के लोगों को सशक्त बनाना, आर्थिक-सामाजिक लोगों को सशक्त करना भी सरकार का काम है और सरकार को यह काम करना चाहिए.
नेता प्रतिपक्ष ने संजौली में प्रदर्शन से संबंधित सवाल के जवाब में कहा कि प्रदर्शन करना लोगों का संवैधानिक हक है. इसलिए सरकार उसे रोक नहीं सकती है. अब सरकार मुद्दे को घुमा रही है और मस्जिद के अनाधिकृत अन्य भवनों की तरह जोड़ रही है, लेकिन दोनों परिस्थितियों में बहुत अंतर है. लोगों की भावनाओं के साथ यह मजाक है. कानून व्यवस्था सरकार का काम है. सरकार अपना काम करें. इसके साथ ही नेता प्रतिपक्ष ने लोगों से शांति बनाने की अपील की.
रिपोर्ट- समीक्षा कुमारी, शिमला