Himachal Pradesh में स्वास्थ्य सुविधाओं को लेकर आम आदमी खुद को नहीं मान रहा सुरक्षित
Himachal Pradesh News: सरकार हमेशा हिमाचल प्रदेश में बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं के दावे करती आई है. चुनाव में एक बड़ा मुद्दा स्वास्थ्य को बनाया जाता है. प्रदेश में 6 मेडिकल कॉलेज, एक एम्स और हर जिले में अलग-अलग जगहों पर सरकारी अस्पताल हैं. इसके बावजूद हिमाचल प्रदेश के अधिकतर मुख्यमंत्री इलाज के लिए राज्य से बाहर जाना ही उचित मानते हैं.
समीक्षा कुमारी/शिमला: हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू को 25 अक्टूबर की रात पेट में दर्द हुआ था. इस दौरान उन्हें इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज व अस्पताल शिमला ले जाया गया था. आईजीएमसी में टेस्ट के दौरान उनके पेट में दर्द के साथ पैंक्रियाज में इंफेक्शन मिला. ऐसे में यहां 30 घंटे उपचार कराने के बाद उन्हें दिल्ली AIIMS रेफर कर दिया गया.
इससे पहले जून माह में भी मुख्यमंत्री अपना इलाज कराने मोहाली के निजी अस्पताल गए थे. हिमाचल प्रदेश में 6 बार मुख्यमंत्री रहे वीरभद्र सिंह भी इलाज के लिए ज्यादातर चंडीगढ़ के PGI और दिल्ली के AIIMS में जाते थे. प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर भी दिल्ली एम्स ही जाते थे.
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वहीं, मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के मीडिया सलाहकार नरेश चौहान ने सीएम के स्वास्थ्य की जानकारी देते हुए बताया था कि सीएम सुक्खू सेकंड ओपिनियन के लिए दिल्ली AIIMS में भर्ती हुए हैं. नरेश चौहान ने कहा कि आईजीएमसी में डॉक्टर्स की एक टीम मुख्यमंत्री के उपचार के लिए लगाई गई थी, जिनका मानना था कि मुख्यमंत्री को दिल्ली के AIIMS भेजा जाए.
आईजीएमसी में सीएम का हाल जानने के लिए लोगों की भीड़ लगी रहती थी. प्रोटोकॉल के कारण उन्हें AIIMS भेजा गया जहां उनका इलाज भी चल रहा है ताकि जल्द से जल्द रिकवरी हो सके. दो तीन दिन में उनके हिमाचल लौटने की संभावना है. नरेश चौहान ने कहा कि मुख्यमंत्री अपने जरूरी कार्यों को वहीं से चीफ सेक्रेटरी और अन्य अधिकारियों के साथ फोन पर बात करके निपटा रहे हैं. वहीं भाजपा के मीडिया प्रभारी करण नंदा ने कहा कि मुख्यमंत्री का एक प्रोटोकॉल रहता है, जिसके कारण उन्हें AIIMS में शिफ्ट किया गया है.
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लोगों ने कहा कि हिमाचल प्रदेश में स्वास्थ्य के क्षेत्र में कई त्रुटियां हैं. अभी तक प्रदेश के पास पूरा इंफ्रास्ट्रिकचर भी नहीं है. प्रदेश में मेडिकल कॉलेज खोल दिए गए हैं, लेकिन अभी तक यहां पूर्ण रूप से मशीनरी नही हैं. राज्य के पास खुद का AIIMS है, 6 मेडिकल कॉलेज हैं, लेकिन फिर भी मुख्यमंत्री का उपचार दिल्ली के AIIMS में हो रहा है. इससे साफ हो जाता है कि प्रदेश के पास इंफ्रास्ट्रक्चर की कमी है. आम व्यक्ति के पास पैसा नहीं है कि वह उपचार के लिए कहीं और बड़े अस्पतालों में जा सके. लोगों ने कहा कि जब तक VIP अपने राज्य में ही स्वास्थ्य सेवाएं नहीं लेंगे तब तक आम व्यक्ति खुद को सुरक्षित नहीं मान सकता.
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