ज्ञान प्रकाश/पांवटा साहिब: जंगलों को आग से बचाने के लिए वन विभाग ने कमर कस ली है. फायर सीजन शुरू हो गया है. वन विभाग हर बार ग्रामीणों को इस संबंध में जागरूक करता है, लेकिन इस बार विभाग ने जंगलों को आग से बचाने के लिए महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने का निर्णय लिया है. जंगलों की रक्षा के लिए महिलाओं को जागरूक किया जा रहा है. इसके लिए वन विभाग के अधिकारी गांव-गांव पहुंच रहे हैं और महिला मंडलों, स्वयं सहायता समूहों सहित समस्त महिलाओं को जागरूक कर रहे हैं. 


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वनों को आग से बचाने के लिए महिलाओं को दी जा रही जानकारी
श्री रेणुका जी वन मंडल ने इस संबंध में व्यापक अभियान शुरू किया है. वन मंडल अधिकारी खुद गांव में जाकर महिलाओं को जागरूक कर रही हैं. वन मंडल श्री रेणुका जी डीएफओ उर्वशी ठाकुर ने शिलाई क्षेत्र के ग्रामीण परिवेश की महिलाओं को जागरूक किया. जागरूकता कार्यक्रमों में महिलाओं को वनों को आग से बचाने के तरीकों की जानकारी दी जा रही है. इसके साथ ही पर्यावरण संरक्षण और ग्रामीण परिवेश में जंगलों के महत्व के बारे में भी विस्तार से बताया जा रहा है. 


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नागरिक उपमंडल कफोटा के तहत लगाया गया जागरूकता शिविर
वन विभाग के विशेषज्ञ महिलाओं को आग लगने की स्थिति से निपटने के बारे में जानकारी दे रहे हैं. इसी कड़ी में नागरिक उपमंडल कफोटा के तहत महिलाओं के लिए जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया, जिसमें अधिकारियों ने महिलाओं को वनों की हर तरह से रक्षा के लिए आगे आकर कार्य करने का आवाहन किया.


गौरतलब है कि गर्मियां आते ही आगजनी की घटनाएं सामने आने लगती हैं. बढ़ते तापमान और बिजली की बढ़ती खपत के चलते घर, दुकान और जगंलो में आग लगने लगती है. इस तरह की घटनाएं ज्यादातर वनों में देखने को मिलती हैं. इसी को ध्यान में रखते हुए हिमाचल प्रदेश में जगह-जगह अभियान चलाकर महिलाओं को इस बात की जानकारी दी जा रही है कि जंगलों को आग से कैसे बचाया जाए?


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