Fire Season के दौरान हिमाचल प्रदेश से आग लगने के 1,934 मामले आए सामने, वन विभाग को हुआ करोड़ो का नुकसान
Bilaspur News: फायर सीजन के चलते हिमाचल प्रदेश में अब तक आग लगने के 1,934 मामले सामने आ चुके हैं. जंगलों में आग लगने से वन विभाग को करीब 07 करोड़ 37 लाख का नुकसान हुआ है. इससे कुल 20,833 हेल्टेयर जमीन को नुकसान पहुंचा है.
विजय भारद्वाज/बिलासपुर: हिमाचल प्रदेश में जून महीने की तेज गर्मी का असर इस कदर देखने को मिल रहा है कि कई जिलों में अधिकतम तापमान 40 से 45 डिग्री तक जा पहुंचा है. वहीं इस चिलमिलाती गर्मी के बीच प्रदेश के जंगलों में आग लगने का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है. जंगलों में आगजनी के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं.
वन विभाग की रिपोर्ट के मुताबिक, हिमाचल प्रदेश में अब तक आग लगने के 1,934 मामले सामने आ चुके हैं, जिसमें 20,833 हेक्टेयर जमीन को नुकसान पहुंचने के साथ करीब 07 करोड़ 37 लाख रुपये के नुकसान का मूल्यांकन वन विभाग की टीम द्वारा लगाया गया है. प्रदेश में धर्मशाला सर्कल में सबसे ज्यादा 466 आग लगने के मामले सामने आए हैं, जिसमें 01 करोड़ 34 लाख रुपये का नुकसान देखने को मिला है जबकि कुल्लू में सबसे कम 04 मामले ही देखने को मिले हैं.
हिमाचल प्रदेश के वन सुरक्षा एवं अग्नि नियंत्रण विभाग के मुख्य अरण्यपाल मुनीश परवारी ने जानकारी देते हुए बताया कि पिछले आंकड़ों की बात की जाए तो साल 2023-24 में फायर सीजन के दौरान आग लगने के कुल 680 मामले सामने आए थे और इस बार 1,934 मामले सामने आए हैं जो बीते वर्ष की तुलना में 284 प्रतिशत अधिक हैं.
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ऐसा नहीं है कि फायर सीजन के दौरान इसी वर्ष आग लगने के देखने ज्यादा मामले सामने आए हैं. इससे पहले साल 2022-23 में प्रदेश में फायर सीजन के दौरान आग लगने के 2,938 मामले सामने आए थे. इस साल कुल 7 करोड़ 34 लाख रुपये का नुकसान देखने को मिला था. इसके अलावा साल 2018-19 में भी फायर सीजन के दौरान आग लगने के 2,544 मामले सामने आए थे, जिसमें करीब 3 करोड़ 26 लाख रुपये का नुकसान देखने को मिला था.
हिमाचल प्रदेश फायर सीजन के दौरान जंगलों और निजी भूमि पर आग लगने के 1,934 मामले सामने आए हैं, जिसमें सबसे ज्यादा धर्मशाला, मंडी और हमीरपुर सर्कल में आग लगने के मामले देखने को मिले हैं. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि जिन इलाकों के जंगलों में चील के पेड़ ज्यादा हैं, वहां तापमान के बढ़ने और बारिश ना होने पर सूखे के चलते चील के पत्तों में आग लगने के साथ ही तेजी से आग फैलने पर यह घटनाएं लगातार बढ़ती जा रही हैं.
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उन्होंने बताया कि प्रदेश के जिस भी इलाके व जंगल में आग लगने की सूचना मिल रही है वहां वन विभाग और अग्निशमन विभाग की टीम आपसी सहयोग से आग पर काबू पाने के पूरे प्रयास कर रही है, लेकिन कई जगहों पर स्थानीय लोगों का भी पूर्ण सहयोग ना मिल पाने के कारण जंगलों में आग लगने से ज्यादा नुकसान देखने को मिल रहा है.
वहीं मुनीश परवारी ने प्रदेश की जनता से अपील की है कि वह ऐसी कोई भी लापरवाही ना करें, जिससे जंगलों में आग लग सके. साथ ही उन्हें आस-पास कहीं भी आग लगने की जानकारी मिलती है तो इसकी सूचना पहले वन विभाग की टीम को जरूर दें और आग बुझाने में वन विभाग की टीम का पूर्ण सहयोग करें ताकि समय रहते आग पर काबू पाया जा सके और आग लगने से होने वाले नुकसान को भी कम किया जा सके.
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