Himachal Pradesh News: हिमाचल प्रदेश सरकार के मीडिया सलाहकार नरेश चौहान ने शिमला में सोमवार को प्रेसवार्ता की. इस दौरान उन्होंने कहा कि प्रदेश की जनता ने अपनी पसंद की सरकार चुनी, लेकिन भाजपा धनबल और धोखे से लोकतांत्रिक रूप से चुनी हुई सरकार को अस्थिर करने की नाकाम कोशिश करती रही. 


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

6 सीटों पर उपचुनाव में भी जनता ने धनबल से खरीदे प्रत्याशियों को नकार दिया. वहीं अब 3 निर्दलियों ने इतिहास रचा और 15 महीने में ही इस्तीफा देकर फिर से विधायक बनने के लिए जनता के बीच जा रहे हैं.  जनता कह रही है कि जब पहले चुनकर भेजा था, तो अब फिर से क्यों विश्वास करें. अब जनता की अदालत में कई सवाल हैं.


चौहान ने आगे कहा कि विकास कैसे होगा जबकि लगातार चुनाव हो रहे हैं. कई सवालों के जवाब जनता इन उपचुनावों में देगी. जनता बहुत जागरूक है. जैसे पहले 4 प्रत्याशियों को सबक सिखाया वैसे ही इस बार भी ऐसे लोगों को सबक सिखाएंगे, जो मत की ताकत का मजाक उड़ा रहे हैं. 


ऐसी प्रथा पहले हिमाचल में नहीं थी. बिहार की तरह ही अब हिमाचल में भी धनबल के बूते चुनाव केवल अपने हित के लिए लड़ रहे हैं. जनता के लिए नहीं. हालांकि, फैसला अब जनता के हाथ में है कि ऐसे लोगों को न जिताएं. 


15 महीने की सरकार में नेता विपक्ष का मतलब केवल जनता को भ्रमित करना है. बार-बार ये बोलकर कि सरकार गिर जायेगी, क्या ये लोकतंत्र का मजाक नहीं है. वो भी जो 5 साल मुख्यमंत्री रहे हो और सरकार गिराने की बात कर रहे हैं. वहीं, उन्होंने जयराम ठाकुर से एक प्रश्न भी पूछा कि बताएं क्या वो प्रदेश हित के लिए आज तक एक भी पत्र लिखे हैं. 


केंद्र में आज भले ही मोदी सरकार बनी हो, लेकिन खुद खतरे में है और बैसाखियों पर है. वो किसी राज्य सरकार को गिराने का हक नहीं रखती. जबकि प्रदेश में सरकार स्थिर है और 5 साल चलेगी. गिराने की गलतफहमी से भाजपा नेता बाहर आ जाएं. 


हमीरपुर से सांसद अब दिल्ली से फ्री है और हिमाचल के चक्कर काट रहे है. 13 तारीख को भाजपा की गलतफहमी दूर हो जाएगी. मतदाता जागरूक है और अपना नुमाइंदा तीनों जगह से सरकार के साथ जोड़ना चाहती है ताकि विकास आगे बढ़ सके. 


रिपोर्ट- समीक्षा कुमारी, शिमला