Bilaspur News: बिलासपुर के घुमारवीं स्थित लोक निर्माण विभाग रेस्ट हाउस में हिमाचल प्रदेश मेडिकल रिप्रेजेन्टेटिव एसोसिएशन की राज्यस्तरीय बैठक का आयोजन किया गया. 


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जिसकी अध्यक्षता एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष हुकम शर्मा ने की. वहीं इस बैठक में प्रदेश के सभी जिलों से एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने भाग लिया और अपनी पांच सूत्रीय मांगों सहित 20 दिसंबर को होने वाले राष्ट्रव्यापी आंदोलन को लेकर रणनीति भी तैयार की है. 


गौरतलब है कि हिमाचल प्रदेश मेडिकल रिप्रेजेन्टेटिव एसोसिएशन की प्रमुख मांगों में एम्स अस्पताल बिलासपुर में दवा प्रतिनिधियों के काम करने पर एम्स प्रशासन व केंद्र सरकार द्वारा लगाई गई रोक को हटाने, सेल्स प्रमोशन एप्लाई एक्ट 1976 को लागू करने, आठ घंटे काम करने के अधिकार को सुनिश्चित करने, जीवन रक्षक दवाओं व उपकरणों पर GST हटाने के साथ ही राइट टू प्राइवेसी एक्ट सुनिश्चित किया जाना शामिल है. 


वहीं, मेडिकल रिप्रेजेंटेटिव एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष हुकम शर्मा ने कहा कि केंद्र सरकार के आदेशानुसार डॉक्टर्स से मिलना ही उनका नेचर ऑफ जॉब है लेकिन एम्स अस्पताल बिलासपुर में उन्हें डॉक्टर्स से नहीं मिलने दिया जा रहा है, जिससे प्रदेशभर में कार्यरत 1,500 से अधिक मेडिकल रिप्रेजेंटेटिवस की नौकरी पर खतरा मंडराने लगा है. इसके साथ ही बद्दी, नालागढ़ में दवा उद्योगों को बढ़ावा देने पर प्रदेश व केंद्र सरकार पूरे प्रयास कर रही है, लेकिन  स्थानीय लोगों को रोजगार उपलब्ध करवाने से वंचित किया जा रहा है. 


इसके साथ ही उन्होंने कहा की अपनी मांगों के मद्देनजर आल इंडिया फेडरेशन के आदेशानुसार 20 दिसंबर 2023 को राष्ट्रपव्यापी आंदोलन किया जाएगा, जिसमें देशभर से करीब डेढ़ लाख कर्मचारी भाग लेंगे और दवाईयों पर लग रहे GST को हटाने की केंद्र सरकार से मांग करते हुए दवाईयों की बढ़ती कीमत पर रोक लगाते हुए सस्ते दामों पर लोगों को दवाईयां उपलब्ध करवाने, दवाई कंपनियों द्वारा निर्धारित अलग-अलग कीमतों पर रोक लगाने की मांग सहित अन्य मांगों को लेकर उपमंडल व जिला स्तर पर सड़कों पर उतरेंगे प्रदर्शन करेंगे और उपमंडल स्तर पर एसडीएम, जिला के उपायुक्त व प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री को ज्ञापन सौंपकर इन पांच सूत्रीय मंत्री को जल्द से जल्द पूरा करने की मांग करेंगे ताकि मेडिकल रिप्रेजेंटेटिवस को आ रही समस्याओं सहित देश की जनता को महंगे दामों पर मिल रही दवाईयों की कीमतों में भी कमी आ सके और गरीब तबके के लोगों को भी कम दाम पर दवाईयां उपलब्ध हो सके.