Himachal Monsoon Special News: हिमाचल प्रदेश में इस वर्ष जनवरी से जून माह में एक करोड़ से ज़्यादा सैलानियों की आमद ने पर्यटन कारोबार को मज़बूती दी, लेकिन मॉनसून की दस्तक ने प्रदेश के पर्यटन कारोबार की कमर तोड़ कर रख दी.  पिछले एक महीने से ज्यादा का समय बीत जाने के बाद वर्तमान में पर्यटन कारोबार की यह स्थिति है की पर्यटक स्थल सुने पड़े हैं.  पर्यटन व्यवसाइयों को सैलानियों का इंतज़ार हैं. 


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हालांकि अब स्थिति सामान्य है. बाढ़, भूस्खलन प्रभावित सड़कों को दोबारा पहले जैसे स्थिति में करने में कार्य किया जा रहा है.  लेकिन प्रदेश का पर्यटन अगर जल्दी पटरी पर नहीं लौटा तो लाखों लोग बेरोज़गारी के कगार पर पहुंच सकते हैं.  हिमाचल प्रदेश में सबसे ज़्यादा पर्यटन का कारोबार करने वाले ज़िला कुल्लू में सैलानी न के बराबर हैं. सबसे ज़्यादा मॉनसून में यहीं पर नुकसान हुआ हैं.  ऐसे में लाखों सैलानियों से भरे रहने वाले कुल्लू मनाली के पर्यटक स्थल इन दिनों खाली पड़े हैं. 


हमारे संवाददाता संदीप सिंह ने ग्राउंड ज़ीरो पर जाकर मनाली के तमाम पर्यटन स्थलों व पर्यटन व्यवसाइयों के ज़मीनी हाल पर ख़ास रेपोर्ट तैयार की है. जो आप तक सच्ची तस्वीर दिखाएगी. बता दें, 


एक महीने से पर्यटन कारोबार ठप है. लाखों लोग बेरोज़गारी की कगार पर हैं. कुल्लू-मनाली के पर्यटक स्थल पड़े सुने हैं. ऐसे में अब पर्यटन व्यवसाइयों को सैलानियों का इंतज़ार है. 


हिमाचल में रोज़गार और राजस्व का मुख्य स्त्रोत पर्यटन ही है. GDP में 6.6% से अधिक की हिस्सेदारी जून-जुलाई माह में प्रदेश की होटेल इंडस्ट्री कारोबार ठप होने से करोड़ों के टैक्स का नुक़सान हुआ. वहीं, कुल्लू-मनाली NH के कई जगह से बाढ़ में बहने से पर्यटन ठप हुआ है. वहीं, 21 दिनों बाद NH बहाल तो हुआ,  लेकिन VOLVO बसे अभी नहीं पहुंच पाई. 


हज़ारों होटेल, गेस्ट हाउस, होम सटे, रेस्ट्रॉरेंट , नेचर पार्क इत्यादि हुए इस तबाही के बाद से सुनसान पड़े हैं. 
महत्वपूर्ण पर्यटन स्थलों को जोड़ने मुख्य सड़कों के साथ-साथ वैकल्पिक सड़कों को फिर से सही करने का काम किया जा रहा है.