Shimla News: राज्य संग्रहालय शिमला व भाषा एवम् संस्कृति विभाग के संयुक्त तत्वावधान में पांच दिवसीय कला व शिल्प मेले का आज संपन्न हुआ है. प्रदेश के विभिन्न कलाकारों द्वारा निर्मित कला के अद्भुत नमूने इन दिनों रिज मैदान पर हर एक को अपनी ओर आकर्षित कर रहे हैं. इनकी कारीगिरी को देखने दिनभर रिज पर लोगों की भीड़ लगी हुई है. 


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इन दिनों हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला के ऐतिहासिक रिज मैदान में राज्य संग्रहालय शिमला की ओर से कला एवं शिल्प मेले का आयोजन किया गया है. इस मेले में प्रदेश भर के अलग-अलग उत्पादों को प्रदर्शित किया गया है. इस प्रदर्शनी में बैंबू से बने उत्पाद, कुल्लू शॉल्स, ऊन व मेटल से निर्मित उत्पाद सहित पत्थर को बेहतरीन तरीके से तराशा गया है. वहीं पारंपरिक ज्वेलरी भी लोगों को खूब भा रही है. 


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मूर्तिकार हरदेव ने बताया की वह पिछले 30 सालों से पत्थर की मूर्तियां बना रहे हैं. उन्होंने कहा की लोगों में इस कला को काफी सराहा जा रहा है, उन्होंने कहा की ये काम काफी बारिकी से किया जाता है. एक मूर्ति को बनाने में 6-6 महीने  लग जाते हैं. वहीं, बताया कि इस बार स्टॉल में सबसे महंगी मूर्ति 60 हजार की है. 


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इसके अलावा 80 हजार का किन्नौर शॉल लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र बना हुआ है.  कारीगर बताते हैं कि इस शॉल का सीधा संबंध महाभारत काल से है, जिसे किन्नरी लोग शादियों में पहनते हैं, लेकिन उन्होंने बताया कि यह कार्य बेहद ही कठिन है और मेहनत वाला है. इसलिए आज के युवाओं में वह इस कार्य के प्रति रुझान काम होता हुआ देख पा रहे हैं.