Hamirpur News: सीटू व किसान सभा बरसात में हुए भारी नुकसान से प्रभावित लोगों को मुआवजा दिलवाने के लिए केंद्र सरकार के खिलाफ मोर्चाबंदी करते हुए हमीरपुर में धरना प्रदर्शन किया. इस अवसर पर सीटू के राष्ट्रीय सचिव कश्मीर सिंह ठाकुर सहित अन्य पदाधिकारी ने हिमाचल प्रदेश में हुए आपदा को राष्ट्रीय आपदा घोषित करने की मांग भी की. 


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धरना प्रदर्शन के दौरान केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी भी की गई और केंद्र सरकार के हिमाचल के साथ अपनाई जा रहे रवैया पर भी रोष व्यक्त किया गया. इस मौके पर सीटू ने केंद्र सरकार के खिलाफ मनरेगा बजट में की गई कटौती पर भी सवाल उठाए.


सीटू के प्रदेश सचिव जोगिंदर ठाकुर ने कहा कि भारी बरसात के चलते प्रदेश में लोगों की निजी संपत्ति के अलावा सरकारी संपत्ति को भारी नुकसान पहुंचा है.  उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार के द्वारा बार-बार केंद्र से इस आपदा को राष्ट्रीय आपदा घोषित करने की बात कही गई, लेकिन केंद्र सरकार ने अभी तक इस पर कुछ नहीं किया है. 


उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि केंद्र की भाजपा सरकार हिमाचल के साथ राजनीतिक भेदभाव कर रही है. जिसके चलते अभी तक इस आपदा राहत राशि नहीं दी गई है. उन्होंने कहा कि सीटू के प्रतिनिधि मंडल ने मुख्यमंत्री व राज्यपाल से भी मुलाकात कर इस आपदा की घड़ी में राजनीतिक ना करने की मांग की थी और सामूहिक रूप से एकत्रित होकर इस राष्ट्रयी आपदा घोषित करने की बात की थी. 


उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश में 67 प्रतिशत भूमि वन क्षेत्र के तहत आती है और इसके पर्यावरण का लाभ उत्तर भारत को मिलता है. उन्होंने कहा कि सीमित संसाधनों के होने के चलते हिमाचल को आपदा की इस घड़ी में केंद्र सरकार को विशेष राहत देनी चाहिए. 


केंद्र सरकार के द्वारा मनरेगा का बजट कम करने पर उन्होंने कहा कि हिमाचल सरकार के द्वारा आपदा राहत के कार्य को मनरेगा सेल्फ में डालकर करवाए जाने का फैसला लिया है, लेकिन अभी तक गत वर्ष मनरेगा के तहत आने वाले बजट की राशि भी पूरी तरीके से नहीं भेजी गई है उन्होंने कहा कि कई कार्यों के लिए केंद्र सरकार के द्वारा आकलन की नई शर्तें लगाकर उन्हें रोकने का काम किया जा रहा है जो कि गलत है उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार को मनरेगा के बजट को जल्द जारी करना चाहिए ताकि ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को रोजगार उपलब्ध हो सके.