कोमल लता/मंडी: हिमाचल प्रदेश की व्यवस्था परिवर्तन वाली सरकार अब गरीब छात्रों को उच्च शिक्षा से वंचित करने का काम कर रही है. मंडी स्थित सरदार पटेल विश्वविद्यालय का दायरा घटाने के निर्णय पर विधायक राकेश जम्वाल ने सरकार की कड़ी निंदा की है. उन्होंने प्रदेश की सुक्खू सरकार पर शिक्षा पर राजनीति करने का आरोप लगाया है, साथ ही इस निर्णय को निंदनीय व दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया है.


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विधायक राकेश जम्वाल ने कहा कि पूर्व की भाजपा सरकार के मुखिया जयराम ठाकुर ने प्रदेश के दूर दराज व गरीब छात्रों को घर द्वार पर उच्च शिक्षा देने के लिए मंडी में दूसरे विश्वविद्यालय की स्थापना की थी, लेकिन प्रदेश सरकार पहले दिन से ही शिक्षा संस्थानों को बंद करने की नीयत से काम कर रही है जो बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है. 


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उन्होंने कहा कि तत्कालीन सीएम जयराम ठाकुर ने मंडी में प्रदेश का दूसरा विश्वविद्यालय खोलने का फैसला लिया था, जहां नियमित रूप से कक्षाएं भी चल रही थीं, लेकिन वर्तमान की सुक्खू सरकार ने विश्वविद्यालय के दायरे को सीमित कर निंदनीय कार्य किया है, जिसकी जितनी निंदा की जाए कम है. उन्होंने कहा कि शिमला प्रदेश की राजधानी व टूरिस्ट डेस्टिनेशन है, जिसका दबाब कम करने के लिए जयराम ठाकुर ने मंडी में विवि खोलने का निर्णय लिया था ताकि दूरदराज के गरीब छात्रों को शिमला पढ़ाई के लिए न जाना पड़े.


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मंडी विवि के साथ प्रदेश के लाहौल स्पिति, कुल्लू, मंडी, कांगड़ा और चंबा जिला के कॉलेजों को जोड़ा गया था, लेकिन प्रदेश सरकार ने कांगड़ा, चंबा और कुल्लू के आनी व निरमंड कॉलेजों को इससे बाहर करने का निर्णय लिया है और दोबारा शिमला विवि से इन कॉलेजों को जोड़ा गया है जो दुर्भाग्यपूर्ण है, क्योंकि अब फिर से इन दूर-दराज क्षेत्र के छात्रों को उच्च शिक्षा की पढ़ाई के लिए शिमला जाना पड़ेगा, जिसमें उनका ज्यादा खर्च आएगा, क्योंकि मंडी इन क्षेत्रों के छात्रों के लिए नजदीक पड़ता था.


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