भोपाल सिंह/गुरदासपुर: हिमाचल प्रदेश के पोंग डैम से पानी छोड़े जाने के बाद इसका असर गुरदासपुर जिले में देखने को मिल रहा है, जहां बाढ़ जैसे हालात हो गए हैं. इन हालातों के चलते प्रशासन की ओर से एनडीआरएफ एसडीआरएफ की टीमों को रेस्क्यू करने के लिए लगाया हुआ है. गुरदासपुर के डिप्टी कमिश्नर हिमांशु अग्रवाल द्वारा लोगों की सुरक्षा व्यवस्था के लिए एक टोल फ्री नंबर भी जारी किया गया है, जिस पर लोग फोन करके अपने बारे में जानकारी दे सकते हैं.


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बता दें, मंगलवार दोपहर पोंग डैम की तरफ से पानी छोड़े जाने के बाद गुरदासपुर का पुराना शाला मुकेरिया रोड पूरी तरह विभाजित हो गया है. इसकी सूचना स्थानीय लोगों को मिली तो उन्होंने बांध बनाना शुरू कर दिया. इसके बाद प्रशासनिक अधिकारियों ने मौके पर पहुंचना शुरू कर दिया. देखते ही देखते स्थानीय लोगों ने भी एक-दूसरे की मदद करना शुरू कर दी. लोगों का आरोप है कि प्रशासन द्वारा उनकी कोई मदद नहीं की जा रही है जबकि उनके रहने और खाने-पीने का प्रमाण स्थानीय गुरुद्वारा प्रबंधकों की तरफ से किया जा रहा है.


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इस पूरे प्रकरण में बड़ी बात यह है कि स्थानीय लोगों द्वारा भी एक दूसरे की मदद की जा रही है. ट्रैक्टर ट्रॉली से लोगों को बाहर निकाला जा रहा है. बता दें, मवेशी और स्थानीय लोग बाढ़ के इस पानी में फंस चुके हैं. ग्रामीण लोगों के इलाकों में 4 से 5 फीट तक पानी घुस चुका है. अब मुख्य सड़क पर भी पानी पहुंच चुका है, जिसके चलते लोगों को दिक्कत होने लगी है.


प्रशासन की ओर से इतिहास के चलते पुराना शाला से मुकेरिया जालंधर की तरफ जाने वाले मुख्य रास्ते को बंद कर दिया गया है. यहां पुलिस के जवानों को तैनात कर दिया गया है ताकि कोई भी व्यक्ति गाड़ी लेकर सीधा आगे की तरफ ना जा सके. प्रशासन द्वारा लोगों से आग्रह किया जा रहा है कि वह गुरदासपुर से मुकेरिया पुराना शाला की तरफ ना आएं ताकि लोगों की जान को बचाया जा सके.


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गुरदासपुर जिले के 12 से 15 गांव प्रभावित हो चुके हैं, जहां चार से पांच फीट के ऊपर पानी आ चुका है. लोग अपने घरों के ट्रैक्टर ट्रॉली को लेकर फंसे हुए लोगों को निकालने की मदद कर रहे हैं. स्थानीय लोग खुद एक दूसरे की मदद कर रहे हैं. गुरदासपुर की एसडीएम व अधिकारी एक दूसरे की मदद कर रहे हैं. जगतपुर टांडा दाऊपुर नडाला भैणी पसवाल, सहित 15 गांव में पांच फीट तक पानी है. 


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