Himachal: सरसों के तेल का इस्तेमाल करने से एक शख्स की मौत, वजह जान रह जाएंगे हैरान
Argemone poisoning: हिमाचल प्रदेश में सरसों के तेल का इस्तेमाल करने से एक शख्स की मौत हो गई. इस मामले में अभी तक सामने आया है कि शख्स की मौत मिलावटी सरसों से होने वाली `आर्जीमोन प्वाइजनिंग` की वजह से हुई है.
धर्मशाला/कांगड़ा: आमतौर पर खाना बनाने के लिए ज्यादातर घरों में सरसों के तेल का ही इस्तेमाल होता है, लेकिन हिमाचल प्रदेश के ज्वालामुखी क्षेत्र में इसी सरसों के तेल से एक शख्स की मौत हो गई जहां एक ही परिवार के सभी सदस्य 'आर्जीमोन प्वाइजनिंग' का शिकार हो गए, जिनमें से एक व्यक्ति की मौत हो गई जबकि अन्य का अस्पताल में इलाज चल रहा है.
सरसो खरीदकर निकलवाया था तेल
इस मामले में सीएमओ कांगड़ा डॉ. गुरुदर्शन गुप्ता ने बताया कि 'आर्जीमोन प्वाइजनिंग' एक तरह का जहर ही है जो मिलावटी सरसों के तेल से हो सकता है. ज्वालामुखी क्षेत्र में इसका शिकार हुए परिवार के मामले की प्रारंभिक जांच में पाया गया कि उन लोगों ने अगस्त माह में पास ही के किसी दुकानदार से सरसों खरीदी थी और फिर स्थानीय मिल में उसे पिरवाकर तेल निकलवाया था, जिसके बाद वे उसी तेल का इस्तेमाल कर रहे थे.
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ऐसे हुई मौत
उन्होंने बताया कि इस तेल के इस्तेमाल के बाद उनको दस्त, उल्टियां, शरीर के अंगों में सूजन आ गई. इसके लिए वे अलग-अलग अस्पतालों में इलाज करवाते रहे, लेकिन किसी को कोई फायदा नहीं हुआ और दुर्भाग्यवश एक व्यक्ति की मौत हो गई. परिवार के अन्य सदस्यों में भी ऐसे लक्षण आने पर उन्होंने स्वयं ही इस तेल का इस्तेमाल बंद कर दिया. उन्होंने कहा कि यह मामला स्वास्थ्य विभाग के संज्ञान में आते ही जिला प्रशासन की मदद से एक टीम का गठन किया, जिसने अपनी जांच शुरू कर दी है और उस तेल के सैंपल को प्रयोगशाला में जांच के लिए भेज दिया गया है.
ऐसे हो सकती है 'आर्जीमोन प्वाइजनिंग'?
सीएमओ ने बताया कि इस तरह की प्वाइजनिंग सरसों के बीजों में एक जंगली बीज से निकले तेल की वजह से होती है, जिसे 'आर्जीमोन मैक्सिकना' कहा जाता है. उन्होंने कहा कि अगर जिला में किसी और ने इस सरसों के तेल का उपयोग किया है या कर रहे हैं तो वह इसे तुरंत बंद कर दें. किसी को भी इस तरह के लक्षण दिखाई दें तो वह तुरंत नजदीक के स्वास्थ्य संस्थान में संपर्क करे. इससे डरने की जररूत नहीं है बल्कि सावधानी बरतते हुए तुरंत चिकित्सक से संपंर्क करें.
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