कोमल लता/मंडी: हिमाचल प्रदेश में मानसून के चलते हुई तबाही में हजारों लोगों के घर तबाह हो गए. अपने आशियाने खो जाने के बाद कुछ लोग अपने रिश्तेदारों के घर में रह रहे हैं जबकि कुछ लोग सरकार द्वारा दी गई अस्थाई जगह पर रह रहे हैं. 


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आपदा की चपेट में आकर 710 घर हुए नष्ट
ADC निवेदिता नेगी ने जानकारी देते हुए बताया कि जिला मंडी में मानसून के दौरान हुई त्रासदी में घर टूटने से करीब 70 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है. जिला के करीब 710 घर आपदा की चपेट में आ जाने से पूरी तरह नष्ट हो गए जबकि 1200 घरों को आंशिक क्षति पहुंची है, जिसमें सदर मंडी में सबसे ज्यादा लोगों के घरों को नुकसान पहुंचा है. 


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प्रशासन के साथ लगातार काम करता रहा आईआईटी मंडी   
बाढ़ प्रभावित लोगों का कहना है कि आपदा से भारी नुकसान झेलना पड़ रहा है. घरों में रखा सारा सामान खराब हो गया है. घर पूरी तरह से टूट चुके हैं और अब वे रिश्तेदारों के घरों में रहने को मजबूर हैं. आईआईटी मंडी ने पहाड़ों पर भूस्खलन निगरानी और पूर्व चेतावनी प्रणाली स्थापित की है. जुलाई के बाद आईआईटी मंडी प्रशासन के साथ इस पर लगातार काम करता रहा. 


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समय-समय पर बताए गए 500 अलर्ट 
डॉ. वरुण ने जानकारी देते हुए बताया कि आईआईटी मंडी डिजास्टर मैनेजमेंट अथॉरिटी के साथ बारिश में लैंडस्लाइड और पहाड़ों पर हो रही बारिश के कारण मूवमेंट को लेकर अलर्ट रहा. जुलाई से लेकर अभी तक आईआईटी द्वारा जगह-जगह लगाए गए लैंडस्लाइड मॉनिटरिंग सिस्टम ने करीब 500 अलर्ट दिए हैं. जिला डिजास्टर मैनेजमेंट अथॉरिटी को आईआईटी ये 500 अलर्ट समय-समय पर बताए गए, ताकि जान-माल की हानि से बचा जा सके. 


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