भूषण शर्मा/नूरपुर: हिमाचल प्रदेश में इन दिनों कुदरत का कहर बरप रहा है. बीते कुछ दिनों से यहां लगातार बारिश हो रही है, जिसकी वजह से जगह-जगह जलभराव के चलते बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं. इसी सब को देखते हुए नूरपुर जिला अस्पताल को आपदा स्थिति के तैयार कर दिया गया है. बरसात के मौसम में होने वाली बीमारियों और हादसों को लेकर यह अस्पताल पूरी तरह तैयार है. 


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अस्पताल में एक आपात टीम का किया गया गठन
नूरपुर अस्पताल की एमएस डॉ. नीरजा गुप्ता ने जानकारी देते हुए बताया कि बरसात का मौसम शुरू हो चुका है और इस बार बारिश भी हर बार से ज्यादा होने का अनुमान है. उन्होंने कहा कि इस सब के मद्देनजर अस्पताल में एक आपात टीम का गठन किया गया है. इसके साथ ही एक आपात किट भी बनाई है, जिसमें दवाइयां और आपातकाल में इस्तेमाल होने वाला जरूरत का अन्य सामान रखा गया है.


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डॉ. नीरजा गुप्ता ने कहा कि किसी भी आपात स्थिति में यह टीम और किट उस स्थिति को संभालने में सक्षम होगी. किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए स्टाफ को शॉर्ट टाइम ट्रेनिंग भी दी गई है. उन्होंने कहा कि बरसात में मच्छर आदि होने से डेंगू, मलेरिया, फीवर और गंदे पानी के कारण जॉन्डिस के ज्यादा केस आते हैं. इसके अलावा बरसात के दौरान कई हादसे जैसे बाढ़ आना, लैंड स्लाइडिंग होने से भी कई हादसे हो जाते हैं. ऐसे में इस स्थिति से कैसे निपटना है इसके लिए भी स्टाफ को तैयार किया गया है.


किसानों को भी दी सलाह
इसके साथ ही डॉ. नीरजा गुप्ता ने लोगों से अपील करते हुए कहा कि इस मौसम में ज्यादा जरूरी होने पर ही घर से बाहर जाएं. बरसात से होने वाली बीमारियों से बचने के लिए घर में बना ताजा और स्वच्छ खाना खाएं. पीने के पानी को उबाल कर पिएं. बाहर खुले में बेची जा रही चीजों को न खाएं. अपने घर के आस पास साफ सफाई रखें. इसके साथ ही किसानों को सलाह देते हुए कहा कि किसान खेतो में काम करते वक्त पूरे कपड़े पहनें. 


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खाने-पीने का रखें ध्यान 
उन्होंने बताया कि अगर किसी को बुखार, डायरिया या लूज मोशन हो जाएं तो तुरंत अस्पताल जाएं या फिर लूज मोशन होने पर घर में ही ओआरएस का घोल पिएं और अगर ओआरएस का घोल न हो तो घर में नमक व चीनी का घोल बनाकर पी लें. ताजे हल्के और तरल भोजन करें. स्थिति गंभीर होने पर तुरंत डॉ. से इलाज कराएं. 


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