राकेश मल्ही/ऊना: हिमाचल सरकार की 'राजीव गांधी स्वरोजगार स्टार्टअप योजना' प्रदेश के युवाओं के लिए वरदान साबित हो रही है. इस योजना से प्रदेश के अनेकों युवा न केवल आत्मनिर्भर बन रहे हैं, बल्कि प्रदेश में हरित विकास और पर्यावरण संरक्षण की दिशा में भी यह योजना मील का पत्थर बनी है. 


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

योजना के लाभार्थियों में शामिल ऊना उपमंडल के रामपुर के 29 वर्षीय हरदीप कुमार की कहानी सबके लिए प्रेरणा का स्रोत बनी है. कभी सैलून चलाकर गुजर-बसर करने वाले हरदीप ने राजीव गांधी स्वरोजगार स्टार्टअप योजना का लाभ उठाया और सरकारी सब्सिडी पर ई-टैक्सी ली. अब उनकी ई-टैक्सी जलशक्ति विभाग ऊना में अटैच है, जहां से उन्हें हर महीने 50 हजार रुपये की निश्चित आय हो रही है. यह परिवर्तन उनके जीवन में आत्मनिर्भरता और स्थिरता लेकर आया है. 


इस जगह 15 से 18 जनवरी तक स्वास्थ्य विभाग द्वारा आयोजित किए जाएंगे विशेष शिविर


हरदीप की तरह ही ऊना जिले के अन्य लाभार्थी बढ़ेड़ा के 41 वर्षीय संजीव और दुलैहड़ के 44 वर्षीय अशोक कुमार का जीवन भी राजीव गांधी स्वरोजगार स्टार्टअप योजना से खुशहाल हुआ है. पहले निजी टैक्सी चलाने वाले इन दोनों को तेल की महंगाई और कड़ी प्रतिस्पर्धा का सामना करना पड़ रहा था, लेकिन इस योजना के तहत दोनों ने इलेक्ट्रिक कारें लीं, जिन्हें जलशक्ति विभाग के साथ ई-टैक्सी के तौर पर अटैच किया गया. अब वे हर महीने 50-50 हजार रुपये की निश्चित आय प्राप्त कर रहे हैं और अपने जीवन में सुखमय समृद्धि का अनुभव कर रहे हैं.


जिला रोजगार अधिकारी ने बताया कि युवाओं के लिए सब्सिडी पर ई-टैक्सी खरीदने का प्रावधान किया गया है. योजना में लाभार्थियों को 50 प्रतिशत सब्सिडी और 40 प्रतिशत पर 7.9 प्रतिशत ब्याज के हिसाब से बैंक लोन उपलब्ध करवाया जा रहा है. इसके अलावा शेष केवल 10 प्रतिशत धन लाभार्थी को देना होता है. 


Himachal घूमने आने वाले पर्यटकों के लिए पर्यटन विकास निगम दे रहे विंटर डिस्काउंट ऑफर


सरकार ने यह भी व्यवस्था की है कि इन टैक्सियों को सरकारी विभागों के साथ अटैच किया जाएगा, जिसके लिए लाभार्थियों को प्रतिमाह 50 हजार रुपये प्रदान किए जाएंगे. योजना के तहत इलेक्ट्रिक वाहनों को ए, बी, सी और डी श्रेणियों मे विभाजित किया गया है. ए श्रेणी में 15 लाख तक के विद्युतीय वाहनों, बी श्रेणी में 15 से 20 लाख, सी श्रेणी में 20 से 30 लाख और डी श्रेणी में 30 लाख से ऊपर के वाहन को रखा गया है. वाहनों को श्रेणी अनुसार, विभागों से जोड़ा जाएगा.


WATCH LIVE TV