Himachal: हिमाचल में मूसलाधार बारिश ने मचाई तबाही, 20 की मौत, कई घायल
Himachal Weather: प्रदेश में ऑरेंज अलर्ट के बीच लगातार बारिशें हो रही हैं, जिसके कारण लगातार प्रदेश को नुकसान हो रहें हैं. 24 घण्टें में 30 से ज्यादा स्थानों पर लैंडस्लाइड हुए हैं. कई लोगों के मलबे में दबे होने की आंशका. 24 घंटों में 20 लोगों की मौत, तो वहीं 12-15 लोग लापता हैं.
शिमला/समीक्षा कुमारी: हिमाचल प्रदेश में कुदरत का कहर लगातार जारी है. मूसलाधार बारिश ने लोगों को जीवन तबाह कर दिया है. कहीं बादल फटने से जगह-जगह भूस्खलन हो रहे हैं, तो कहीं पंजाब और हिमाचल को जोड़ने वाली पूल टूट गई और बाढ़ में बह गई. वहीं, इस बारिश में अब तक 3 बच्चों सहित 20 मौतें हो चुकी हैं.
पूरे प्रदेश में ऑरेंज अलर्ट के बीच लगातार बारिशें हो रही हैं, जिसके कारण लगातार प्रदेश को नुकसान हो रहें हैं. 24 घण्टें में 30 से ज्यादा स्थानों पर लैंडस्लाइड हुए हैं. कई लोगों के मलबे में दबे होने की आंशका. 24 घंटों में 20 लोगों की मौत, तो वहीं 12-15 लोग लापता हैं. जिले में सभी स्कूलों को बंद कर दिया है.
बता दें, हिमाचल में मानसून ने कहर बरपाना शुरू कर दिया है. मॉनसून के 1 महीने में ही करीब 225 लोगों की मौत व 23 लोग लापता हैं. बारिश के कारण 336 सड़के बंद हुई है. 1,525 ट्रांसफॉर्मर ठप पड़े हैं, 132 पानी की स्कीमें बंद है.
पिछले साल में 1,115 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ था जबकि इस साल में एक महीने के दौरान 1,200 करोड़ से ज्यादा नुकसान अब तक हुआ है. ये सभी अधिकतक क्लाउड बर्स्ट से हुए हैं. ऐसे में प्रशासान ने सभी लोगों से आग्रह किया है कि प्रशासन की एडवाजरी का पालन करें. साथ ही नदी किनारे और पहाड़ों वाली जगह पर जाने से बचे.
Himachal Video: देखते-देखते पानी में समा गया पंजाब और हिमाचल को जोड़ने वाला पुल
इसके साथ ही मणिमहेश यात्रा में जाने वाले लोगो से अपील की गई है कि प्रशासन के आदेशों का पालन करें और सुरक्षित रहें. पिछले सालों के मुकालबे इस बार 15 प्रतिशत से ज्यादा बारिश हुई है जबकि अभी भी प्रदेश में करीब आधा महीना बारिश का बाकि है , जिससे बारिश का कहर अभी और बढ़ सकता है.
हालांकि, राहत की बात ये है कि एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीम घटनास्थल पर मौजूद है और रेस्क्यू कर रही हैं. सभी जिलों के डीसी को निर्देश दिए गए हैं कोई भी इस तरह की घटना होती है तो तुरंत प्रभाव से रेस्क्यू कार्य किया जाए और घटना से होने वाले नुकसान पर तुरंत मुआवजा दिया जाए. जिसके लिए पहले से ही रकम हर जिले के डीसी को दे दी जाती है ताकि जहां नुकसान हो रहा है वहां किसी भी प्रकार की कमी ना रहे.
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