Bilaspur News: 18 सितंबर से 25 सितंबर तक चलने वाले विधानसभा मानसून सत्र के दौरान हिमाचल प्रदेश में आई प्रकृतिक आपदा से हुए नुकसान का मुद्दा गूंजने वाला है जिसको लेकर विपक्ष के विधायकों ने अपनी तैयारियां मुकम्मल कर ली है. वहीं बात करें बिलासपुर जिला की तो इस बार प्राकृतिक आपदा के चलते करीब 215 करोड़ रुपए की सरकारी व निजी संपत्ति का नुकसान देखने को मिला है.


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जिसकी रिपोर्ट जिला प्रशासन द्वारा प्रदेश सरकार को भेजी गई है. जहां एक ओर आपदा के दौरान भारी भुस्खलन के चलते कईं सड़कें, बिजली व पेयजल स्कीमें प्रभावित हुई है तो साथ कईं लोगों के घर ज़मीदोज़ हुए हैं. तो कई लोगों के घरों में दरारें आ गयी है. वहीं आपदा प्रभावित लोगों को सही आर्थिक सहायता मिले इसको लेकर बिलासपुर से विधायक व हिमाचल भाजपा कोर कमेटी सदस्य त्रिलोक जम्वाल ने विधानसभा मानसून सत्र के दौरान सदन में यह मुद्दा उठाने की बात कही है. 


भाजपा कार्यालय बिलासपुर में आयोजित प्रेसवार्ता के दौरान विधायक त्रिलोक जम्वाल ने कहा कि जिला में आई प्राकृतिक आपदा के चलते कईं लोगों के घर गिर गए या फिर गिरने की कगार पर हैं. जिन्हें प्रदेश सरकार मदद के तौर पर निशुल्क एक बीघा जमीन किसी सुरक्षित स्थान पर उपलब्ध करवाए साथ ही घर बनाने के लिए 15 से 20 लाख रुपए तक कि मदद भी एक माह के भीतर करे. ताकि आपदा के चलते बेघर हुए लोगों को सही आर्थिक सहायता मिल सके. 


साथ ही त्रिलोक जम्वाल ने आपदा के दौरान जिन किसानों की जमीनें बर्बाद हुई है उनकी भी मदद करने की प्रदेश सरकार से मांग करते हुए केंद्र सरकार द्वारा प्रत्येक परिवार को जिनके घर के आगे व पूछे डंगे लगने है 01 लाख रुपए की सहायता राशि दी वह भी जल्द लोगों को जारी करने की मांग की है. 


साथ ही विधायक ने कहा कि प्रदेश विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप पठानिया द्वारा उपायुक्त कार्यालय परिसर में जिला में आई आपदा से हुए नुकसान, राहत व बचाव कार्य को लेकर आयोजित रिव्यू बैठक में कांग्रेस पार्टी के पूर्व विधायकों को स्थान दिए जाने से खफा होकर ही जिला से तीन भाजपा विधायकों ने बैठक में आना मुनासिफ नहीं समझा था और ऐसी बैठकों में वर्तमान विधायकों से ज्यादा पूर्व विधायकों को बुलाना सरासर गलत है.


इसलिए भाजपा विधायकों ने अपनी बातें सदन में उठाने का मन बनाया है और आगामी विधानसभा मानसून सत्र के दौरान ही आपदा प्रभावित लोगों को सरकार सही रूप से आर्थिक सहायता प्रदान करे यह मुद्दा सदन में चर्चा का मुख्य विषय रहेगा.


गौरतलब है की जिला प्रशासन की रिपोर्ट के आधार पर बिलासपुर जिला में आई प्राकृतिक आपदा के चलते इस बार 56 पक्के घर पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हुए हैं जबकि 102 पक्के घरों में दरारें आयी हैं. इसके साथ ही आपदा के दौरान 68 कच्चे घर गिरे हैं जबकि 306 कच्चे घरों में दरारें देखने को मिली है. इसके अलावा आपदा के दौरान 183 रसोईघर, 26 शौचालय व 855 गौशालाओं को नुकसान पहुंचा है. वहीं प्रशासन की ओर से प्रभावित लोगों को 01 करोड़ 05 लाख रुपए की आर्थिक सहायता राशि दी जा चुकी है.