Himachal Weather Update: हिमाचल प्रदेश में बारिश से अभी लोगों को राहत नहीं मिलनी वाली है. मौसम विभाग ने हिमाचल प्रदेश के कुछ स्थानों पर सप्ताहांत में गरज-चमक और आंधी के साथ भारी से बहुत भारी बारिश का पूर्वानुमान जताते हुए गुरुवार को ऑरेंज अलर्ट जारी किया. 


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

Benefits of Ghee: चेहरे पर चमक और ग्लो बढ़ाने के लिए हर दिन करें घी से मसाज, नहीं पड़ेगी पार्लर जानें जरूरत! 


राज्य में मॉनसून की सक्रियता के बीच अगले 24 घंटे में सिरमौर, चंबा, शिमला, कुल्लू और मंडी जिलों के अलग-अलग हिस्सों में हल्के से मध्यम स्तर के बाढ़ के खतरे की भी चेतावनी दी है.  


बता दें, बुधवार शाम साढ़े पांच बजे के बाद से शिलारू में सबसे अधिक 86.4 मिली बारिश दर्ज की गई. इसके बाद बग्गी में 76.6 मिमी, सुंदरनगर में 64.2 मिमी, मंडी में 60.2 मिमी, गोहर में 57.4 मिमी, जोगिंदरनगर में 53 मिमी, पंडोह में 50 मिमी, पालमपुर में 48.8 मिमी, धर्मशाला में 38 मिमी, कुफरी में 24 मिमी, कांगड़ा में 22.6 मिमी, धौलाकुआं में 22 मिमी, नारकंडा में 20 मिमी और मनाली में 15 मिमी बारिश हुई. 


जानकारी के लिए बता दें, प्रदेश में एक जून से आठ अगस्त तक मॉनसून अविध में वर्षा में 29 प्रतिशत की कमी दर्ज की गई. इस अवधि के दौरान राज्य में 307.9 मिमी वर्षा हुई, जबकि औसतन 435.5 मिमी बारिश होती है. हालांकि, अगस्त की शुरुआत से ही लगातार हो रही बारिश के कारण राज्य में इस माह में अत्यधिक वर्षा दर्ज की गई. अगस्त में अब तक हिमाचल प्रदेश में सामान्य वर्षा 78.5 मिमी की तुलना में 80.8 मिमी बारिश दर्ज की गई है. 


बारिश से 58 बिजली योजनाएं हुई बाधित
वहीं, राज्य में बुधवार से हो रही बारिश के कारण मंडी में 37, शिमला में 29, कुल्लू में 26, कांगड़ा में छह, किन्नौर और लाहौल एवं स्पीति में चार-चार, सिरमौर में दो और हमीरपुर जिले में एक सड़क समेत कुल 109 सड़कें बंद हैं.  राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र ने बताया कि प्रदेश में 58 बिजली और 15 जलापूर्ति योजनाएं भी बाधित हुई हैं. 


बारिश की चेतावनी
मौसम विभाग ने कुछ स्थानों पर भूस्खलन और अचानक बाढ़ आने की आशंका के साथ तेज हवाओं और निचले इलाकों में जलभराव के कारण बागानों, फसलों, कमजोर संरचनाओं और कच्चे मकानों को नुकसान पहुंचने की चेतावनी दी है. 


अधिकारियों ने बताया कि 27 जून से सात अगस्त के बीच बारिश से संबंधित घटनाओं में 94 लोगों की मौत हो गई और राज्य को लगभग 787 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ.


रिपोर्ट- भाषा, शिमला