Himachal Weather: हिमाचल में बर्फबारी से बढ़ी ठंड, सफेद चादर से ढकी सड़कें
हिमाचल प्रदेश में मौसम ने करवट बदल लिया है. एक बार फिर से शिमला में मौसम में बर्फबारी हुई है. मंगलवार को दोपहर बाद मौसम ने अचानक करवट बदल लिया. राज्य में दोपहर में जोरदार ओलावृष्टि हुई.
Himachal Snowfall Latest Update: हिमाचल प्रदेश में मौसम ने करवट बदल लिया है. एक बार फिर से शिमला में मौसम में बर्फबारी हुई है. मंगलवार को दोपहर बाद मौसम ने अचानक करवट बदल लिया. राज्य में दोपहर में जोरदार ओलावृष्टि हुई. ओलावृष्टि इतनी तेज थी कि देखते ही देखते शिमला की सड़कें और घरों की छत्त ओलावृष्टि की सफेद चादर से ढक गई.
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प्रदेश में मौसम का मिजाज धीरे-धीरे बदलने लगा है. कुछ दिन पहले भीषण गर्मी से कई जिलों में तापमान बढ़ने लगा था कि अचानक फिर से बर्फबारी होने से ठंड बढ़ गई है. आलम ये कि शहर के कई रास्ते बंद हो गए हैं जिससे कारण वाहनों की आवाजाही भी ठप पड़ गई है. ऐसे में शिमला घूमने आए सैलानियों ने ऐतिहासिक रिज मैदान में बर्फबारी का आनंद लिया.
वहीं, बात करें पंजाब की तो, पंजाब के किसान चिंतित हैं. जैसे-जैसे फरवरी में दिन का तापमान बढ़ना जारी रहता है, उनकी चिंता बड़ी होती जा रही है कि उनकी खड़ी गेहूं की फसल का झाड़ पिछले साल की तरह कम ना हो जाए. उनके अनुसार अभी भी गेहूं की फसल को बढ़ने और परिपक्व होने के लिए ठंडे मौसम की आवश्यकता है. पिछले साल असामान्य रूप से गर्म के कारण उपज बहुत कम थी. अब, फरवरी में ही, मौसम काफी गर्म है और गर्म होने की उम्मीद है.
पिछले करीब एक सप्ताह से पंजाब में तापमान सामान्य से दो से तीन डिग्री अधिक है. किसानों का कहना है की तापमान में हर एक डिग्री की वृद्धि गेहूं की फसल को नुकसान पहुंचाती है और इसकी उपज को प्रभावित करती है. पिछले साल कम गेहूं उत्पादन और कम सरकारी खरीद के कारण केंद्रीय पूल में गेहूं के घटते स्टॉक के बीच पंजाब में इस साल गेहूं का उत्पादन बहुत महत्वपूर्ण है, जो देश में तीसरा सबसे बड़ा गेहूं उत्पादक है.
Himachal: हिमाचल में मौसम ने बदला करवट, जमकर हुई बर्फबारी! फसलों को नुकसान
उम्मीद है कि राज्य में गेहूं का उत्पादन लगभग 167-170 लाख मीट्रिक टन (LMT) होगा. इसमें से 120-130 एलएमटी गेहूं सरकारी खरीद के लिए मंडियों में लाए जाने की उम्मीद है. इस वर्ष गेहूं की फसल का रकबा 34.90 लाख हेक्टेयर है.प्रारंभिक आंकड़ों के आधार पर हालांकि पिछले साल जनवरी में भारी बारिश और मार्च में असामान्य रूप से उच्च तापमान के कारण गेहूं का उत्पादन तेजी से गिरकर 148 एलएमटी हो गया था. राज्य से खरीद 95 एलएमटी पर रिकॉर्ड कम थी.
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