Shimla Protest: हिमाचल प्रदेश सरकार ने परिवहन निगम के कर्मचारियों व सेवानिवृत्त कर्मचारियों को 28 अक्तूबर को वेतन, पेंशन डीए बढ़ोतरी के साथ देने का निर्णय लिया था, लेकिन इस घोषणा के बाद भी सेवानिवृत कर्मचारियों को दीपावली से पहले पेंशन नहीं मिल पाई. समय पर पेंशन न मिल पाने से रुष्ट पेंशनर्स ने मोर्चा खोल दिया है. 


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मंगलवार को सेवानिवृत्त कर्मचारियों ने समय पर पेंशन न मिलने तथा लंबित पड़े भत्तों की मांग को लेकर हल्ला बोल दिया है और प्रदेश सरकार के खिलाफ जन जागरण अभियान छेड़ दिया है. मंगलवार को पेंशनर्स ने शिमला के तारादेवी स्थित वर्कशॉप में बैठक से पहले धरना प्रदर्शन कर सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की.


HRTC पेंशनर कल्याण संघ के प्रदेशाध्यक्ष राजेन्द्र ठाकुर ने कहा कि प्रदेश सरकार ने परिवहन निगम के कर्मचारियों व सेवानिवृत्त कर्मचारियों को 28 अक्तूबर को वेतन, पेंशन डीए बढ़ोतरी के साथ देने का निर्णय लिया था, लेकिन इस घोषणा के बाद भी सेवानिवृत कर्मचारियों को दीपावली से पहले पेंशन नहीं मिल पाई. 


उन्होंने कहा कि दीपावली सहित सभी त्योहार निकल गए और पेंशनर की दिवाली फीकी रही. उन्होंने कहा आज उन्हें मजबूरन उम्र के इस पड़ाव में सड़कों पर उतरना पड़ रहा है. उन्होंने कहा कि सरकार की घोषणा के बाद भी उन्हें पिछले कल 11 नंवबर को पेंशन मिली. सरकार ने वायदा किया था बावजूद इसके त्योहारों में पेंशन का इंतजार करते रहे. 


उन्होंने कहा कि सरकार के पास उनके करोड़ों रुपये की देनदारियां लंबित पड़ी है. इस समय प्रत्येक पेंशनर की सरकार के पास 7 से 10 लाख के देनदारियां अभी लंबित पड़ी है. भत्ते तो दूर यहां पेंशन भी सरकार के वायदे के बाद भी समय पर नहीं मिली. उन्होंने कहा कि इन लंबित पड़े भत्तों को लेकर एक वर्ष हो गए. उन्होंने सरकार को डिमांड चार्टर दिया था. 


उन्होंने कहा कि आज शिमला से उन्होंने आंदोलन का आगाज कर दिया है. यह जन जागरण अभियान उस समय तक चलता रहेगा जब तक सरकार उनकी देनदारियों की अदायगी नहीं कर देती. उन्होंने सरकार को चेताते हुए कहा कि उनकी भत्ते की अदायगी की जाए अन्यथा आंदोलन जारी रहेगा.


रिपोर्ट- समीक्षा कुमारी, शिमला