बरनाला में पंजाब और केंद्र सरकार के खिलाफ भारतीय किसान यूनियन ने जमकर किया प्रदर्शन, कही ये बात
पंजाब के बरनाला जिले के अलग-अलग गांव में पानी की टंकियों के नीचे भारतीय किसान यूनियन एकता उगराहा द्वारा केंद्र सरकार और पंजाब सरकार के खिलाफ धरना प्रर्दशन किया जा रहा है.
देवेंद्र शर्मा/बरनाला: पंजाब के बरनाला जिले के अलग-अलग गांव में पानी की टंकियों के नीचे भारतीय किसान यूनियन एकता उगराहा द्वारा केंद्र सरकार और पंजाब सरकार के खिलाफ धरना प्रर्दशन किया जा रहा है. किसानों का कहना है कि यह धरना आज यानी सोमवार से लेकर 10 जून तक किया जाएगा.
किसानों का कहना है कि केंद्र और पंजाब सरकार द्वारा धरती निचला पानी खत्म करने का आरोप जो किसानों पर लगाया जा रहा है. वह सरासर गलत है जबकि कॉर्पोरेट कंपनियों द्वारा धरती के नीचे से बड़े-बड़े पंप लगाकर पानी निकाला जा रहा है.
इस मामले पर पत्रकारों को जानकारी देते हुए धरना प्रदर्शन कर रहे भारतीय किसान यूनियन एकता उगराहा के नेताओं दर्शन सिंह, नछतर सिंह ने बताया कि केंद्र सरकार और पंजाब सरकार के खिलाफ भारतीय किसान यूनियन एकता उगराहा द्वारा पूरे पंजाब में 6 जून से लेकर 10 जून तक गांव में पानी की टंकियों के नीचे धरना प्रदर्शन करने का ऐलान किया गया था.
ऐसे में इसी के अंतर्गत बरनाला जिले के अलग-अलग गांव में भी धरने प्रदर्शन पानी की टंकियों के नीचे शुरू हो गए हैं. जिले के गांव चीमा की पानी की टंकी के नीचे धरना प्रदर्शन कर रहे नेताओं ने कहा कि केंद्र और पंजाब सरकार द्वारा धरती निकला पानी खत्म करने के लिए किसानों को जिम्मेदार बताया जा रहा है जबकि इसके जिम्मेदार किसान ना होकर बड़े कारपोरेट कंपनियों के मालिक हैं.
उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार और पंजाब सरकार द्वारा बड़ी कंपनियों को पानी बेचा जा रहा है और इसका कसूरवार किसानों को बताया जा रहा है. उन्होंने कहा कि हरित क्रांति के समय धान को तत्कालीन केंद्र सरकार लेकर आई थी और बड़ी कंपनियां बड़े ट्रैक्टर लाकर किसानों को धान के फसली चक्कर में डाल दिया और इससे किसानों के ऊपर कर्ज दिन प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है.
साथ ही कहा कि अब केंद्र और राज्य सरकारें पानी को प्राइवेट कॉर्पोरेट हाथों में देकर किसानों की जमीन छीनना चाह रही है जिसे किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.उन्होंने कहा कि लोगों को धरती निचला पानी बचाने के लिए जागरूक करने हेतु यह धरने प्रदर्शन का अभियान चलाया गया है. किसान आगे कहते हैं कि बड़ी कॉर्पोरेट कंपनियों द्वारा अपनी फैक्ट्रियों का गंदा पानी धरती के नीचे डाल दिया जिससे कि पीने वाला पानी भी खराब हो गया और इन्हीं कंपनियों द्वारा नदियों नालों में भी फैक्ट्रियों का गंदा पानी डालकर उन्हें खराब किया जा रहा है.
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