बिलासपुर में कश्मीरी शॉल विक्रेताओं ने स्थानीय व्यापारियों पर समान ना बेचने की धमकी का लगाया आरोप
Bilaspur News: बिलासपुर के घुमारवीं शहर में कश्मीरी शॉल विक्रेताओं ने स्थानीय व्यापारियों पर समान ना बेचने की धमकी देने व वापस जाने का आरोप लगाया. साथ ही सरकार व प्रशासन से सुरक्षा की मांग की.
Bilaspur News: हिमाचल प्रदेश में पहले भी अन्य राज्यों से आने वाले प्रवासी मजदूरों व घर-घर जाकर समान बेचने वाले लोगों का पंजीकरण करवाने की मांग का मुद्दा काफी गरमाया था. वहीं प्रदेश के विभिन्न जिलों में कुछ ऐसी पंचायतें भी सामने आई थी जिनके द्वारा रेगुलेशन पास कर बिना पंजीकरण के समान बेचने वाले रेहड़ी फेरी वालों की अपनी पंचायत में प्रवेश तक निषेध कर दिया था.
वहीं, यह मुद्दा अभी पूरी तरह से थमा भी नहीं था कि बिलासपुर जिला में स्थानीय व्यापारियों व कश्मीरी कंबल व शॉल विक्रेताओं के बीच एक बार फिर व्यापारी प्रतिद्वंदिता सामने आयी है. जी हां मामला घुमारवीं शहर का है जहां कश्मीर से आये तकरीबन 21 शॉल विक्रेताओं ने एसडीएम घुमारवीं गौरव चौधरी को लिखित शिकायत देकर स्थानीय व्यापारियों द्वारा उन्हें माल ना बेचने देने व वापस कश्मीर जाने की धमकी देने का आरोप लगाया है.
जिसके बाद एसडीएम घुमारवीं द्वारा पूरे मामले की छानबीन करने के लिए घुमारवीं पुलिस थाने को आदेश दिए. वहीं, पुलिस थाना घुमारवीं में दोनों ही पक्षों को बुलाकर मामले की छानबीन जा रही थी, लेकिन किसी भी मसले पर दोनों ही पक्षों की आपसी सहमति नहीं बन पाई. वहीं घुमारवीं थाना पहुंचे कश्मीरी शॉल विक्रेताओं का कहना है कि पिछले 30 से 40 वर्षों से वह लगातार घुमारवीं शहर व आस-पास के इलाकों में शॉल व कंबल बेचते आएं हैं और उन्होंने स्थानीय पुलिस थाने में अपना पंजीकरण भी करवाया है. बावजूद उसके कुछ स्थानीय व्यापारियों द्वारा उन्हें समान बेचने से रोका जा रहा है.
साथ ही उन्हें वापस कश्मीर जाने व मारपीट करने की धमकी दी जा रही है, जिसको लेकर उन्होंने प्रदेश की कांग्रेस सरकार व कश्मीर की सरकार से उनकी सुरक्षा को लेकर मांग की है. वहीं, स्थानीय व्यापारियों का कहना है कि अन्य राज्यों से आने वाले प्रवासी समान विक्रेता घर-घर जाकर बिना जीएसटी के समान बेचते हैं, जिससे स्थानीय व्यापारियों को नुकसान उठाना पड़ रहा है.
स्थानीय व्यापारियों की मांग की है कि अन्य राज्यों से आने वाले व्यपारियों का पंजीकरण करने के साथ ही किराये पर दुकान लेकर जीएसटी नंबर के साथ समान बेचने की मांग की है. वहीं इस मामले को लेकर कैबिनेट मंत्री व घुमारवीं से विधायक राजेश धर्माणी ने भाजपा नेताओं पर निशाना साधते हुए कहा कि अपनी राजनीति चमकाने के लिए भाजपा नेता इस तरह के धार्मिक ठेकेदारों की पैरवी करते हैं, जिससे प्रदेश का माहौल खराब होता है.
साथ ही उन्होंने प्रशासन से प्रवासी मजदूरों व्यापारियों को परेशान करने वाले लोगों के खिलाफ सख्त कार्यवाही करने के निर्देश भी दिए हैं. वहीं हिमाचल प्रदेश के पूर्व कैबिनेट मंत्री राजेंद्र गर्ग ने घुमारवीं के व्यापारियों का समर्थन करते हुए अन्य राज्यों से आने वाले प्रवासी लोगों, रेडी-फेरी वालों व शॉल विक्रेताओं का पंजीकरण करना जरूरी बताया है. ताकि प्रदेश में बढ़ रही वारदातों पर लगाम लग सके.
साथ ही उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार बाहरी राज्यों से आने वाले लोगों पर नजर नहीं रख पा रही है, तो समाज के लोग व व्यापारी खुद आगे आकर इनका विरोध कर रहे हैं, जो कि सही है तभी इन लोगों पर लगाम लग सकेगा.
रिपोर्ट- विजय भारद्वाज, बिलासपुर