Himachal: स्कूली छात्रों को बागवानी के आधुनिक तकनीक को सीखने के लिए रामपुर में हुई शुरुआत
Kinnaur News in Hindi: ग्रामीण दूर दराज क्षेत्र के स्कूली छात्रों को बागवानी के आधुनिक तकनीक को सीखने के रामपुर में पहल हुई, ताकि ग्राम किसान बागवान आधुनिक तकनीक से नवीनतम किस्मों के फल-पौधो को तैयार कर सके.
Kinnaur News: शिमला जिला के रामपुर उमंडल के दूर दराज मुनीष बाह़ली वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय के छात्रों ने दत्तनगर के समीप उद्यान विभाग के पौधशाला का भ्रमण किया. इस दौरान उन्हें पौधारोपण एवं पौधों की नई किस्मों के पौधों के बारे में जानकारी ली.
दुर्गम क्षेत्र के छात्रों को पौधशाला भ्रमण कराने का मकसद उन में शिक्षा के साथ-साथ क्षेत्रीय परिस्थिति के हिसाब से बागवानी के गुण भी सीखाने का प्रयास किया ताकि बागवानी के आधुनिक तकनीकों एवं पौधों की नई किस्मों की बारिकी से छात्रों को जानकारी हो.
ऐसे में गांव में बसा किसान भी विदेशी आयातित एवं आधुनिक किस्म को तैयार कर राष्ट्रीय अंतरराष्ट्रीय मंडी में अपने को स्थापित करने में सक्षम हो सके. इससे गांव का किसान समृद्धि एवं सशक्त बना सके. इस दौरान उद्यान विभाग के अधिकारियों ने छात्रों को बागवानी के ऐसे तकनीकों से अवगत कराया. जिससे कम लागत और उत्पादन अधिक हो. अधिकारियों ने इन तकनीकों का इस्तेमाल गांव जाकर अपने घर एवं पड़ोसियों को भी बताने के लिए छात्रों को प्रेरित किया.
डॉक्टर प्रवीण मेहता उद्यान विकास अधिकारी रामपुर ने बताया रामपुर के दूर दराज मुनीष बाह़ली से स्कूली छात्र उनके दत्त नगर पौधशाला में आए थे. उन्हें यहां बताया गया कि किस तरह से आधुनिक एवं नवीनतम किस्मों के पौधों को तैयार किया जाता है. इन पौधों को तैयार कर लोगों तक पहुंचा जा रहा हैं. पौधों का किस तरह से रखरखाव किया जाता है. यह सब जानकारियां छात्रों को दी गई.
उन्होंने बताया कि आजकल विभिन्न किस्म के पौधों का वितरण किया जा रहा है ताकि ग्रामीणों तक उच्च गुणवत्ता वाले एवं आधुनिक पौधे पहुंच सके. शिक्षक सुभाष चंद्र ने बताया वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय मुनीष बाहली के छात्रों को आज हम उद्यान विभाग के दत्त नगर स्थित पौध शाला में लाया गया. यहां पर बच्चों ने देखा कि किस तरह से पौधे तैयार किए जाते हैं. कैसे आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल कर उत्पादन बढ़ाने की प्रयास हो रहे हैं और कौन से विदेशी किस्म के पौधे हैं. पॉली हाउस में कैसे उन्हें रखा जाता है. यह सारी बाते सिखाई गई. अक्सर छात्र किताबों में ही पढ़ते हैं, लेकिन उन्हें प्रैक्टिकल की जानकारी नहीं होती है.
छात्रा तनिष्का ने बताया यहां उद्यान विभाग के पौधशाला में टूर पर आए हैं. यहां पर उन्हें कई किस्म के पौधे देखने को मिले हैं. यहां कौन सी वैराइटी है. कैसे फसल तैयार की जा सकती है. कैसे उत्पादन लागत कम और उत्पादन बढ़ाया जा सकता है, यह सब जानकारी मिली.
छात्र हर्षवर्धन सिंह ने बताया प्री एजुकेशनल प्रोग्राम के तहत उद्यान विभाग के दत्त नगर पौध शाला में आए हैं. यहां पर कई प्रकार की विधियों से पौधे तैयार करने की जानकारी ली और विभिन्न किस्म के विदेशी आयातित पौधों को देखा. उन्हे यहां आकर बहुत अच्छा लगा और कई महत्वपूर्ण जानकारी मिली.