भूषण शर्मा/नूरपुर: माता कोटे वाली के मंदिर में 12वीं शताब्दी में पृथ्वीराज चौहान के वंश द्वारा राजस्थान कोटा से लाई माता की पिंडी को राजा तालाब के गांव गुरयाल की ऊंची पहाड़ी पर स्थापित किया गया था. जैसे-जैसे इस माता की चर्चा बढ़ने लगी, वैसे-वैसे माता मंदिर की आस्था भी बढ़ने लगी और हजारों की संख्या में यहां श्रद्धालु आने लगे. माता से मन्नतें मांगने लगे.


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सच्चे मन से फरियाद लगाने पर जरूर पूरी होती मनोकामना
माता कोटे वाली के दरबार में जो सच्चे मन से आकर फरियाद लगाता है मां उसकी मनोकामना जरूर पूरी करती है. मंदिर कमेटी द्वारा यहां आने वाले श्रद्धालुओं की हर जरूरत की व्यवस्थाओं का सुचारू ढंग से इंतजाम करवाया गया है और हमेशा करवाते रहते हैं. यह मंदिर फतेहपुर विधानसभा के राजा का तालाब उप तहसील के गांव गुरयाल की ऊंची पहाड़ी पर स्थिति है.


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पृथ्वी राज चौहान वंशज की कुल देवी हैं माता कोटे वाली
पुजारी दलजीत सिंह ने कहा कि यह माता का मंदिर हजारों साल पुराना है. इस माता की पिंडी को पृथ्वी राज चौहान के वंशज राजस्थान कोटा से राजा का तालाब के गांव गुरयाल की ऊंची पहाड़ी पर लेकर आए और उन्होंने यहां स्थापित कर दिया. यह माता पृथ्वी राज चौहान वंशज की कुल देवी हैं.  जैसे-जैसे माता के दर की मान्यता बढ़ने लगी वैसे-वैसे यहां श्रद्धालुओं का आना आम हो गया. मंदिर कमेटी द्वारा यहां हर व्यवस्था का प्रबंध किया जाता है.


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हरियाणा से आए श्रद्धालु ने कहा...
केशव पठानिया ने कहा कि यह माता पृथ्वी राज चौहान वंशज की कुल देवी हैं. यहां हजारों की संख्या में श्रद्धालु आते हैं. माता रानी सबकी मनोकामना पूरी करती हैं. एक श्रद्धालु ने बताया कि हम हरियाणा से आए हैं. हमने कोटे वाली माता की बहुत महिमा सुनी हुई थी. हम पहली बार यहां माता के दर्शन करने आए हैं. यहां आकर हमें बहुत अच्छा लग रहा है.


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