कुल्लू में मनाया गया अन्नकूट का त्योहार, अनाज के ढेर पर विराजे भगवान रघुनाथ
Kullu: सुल्तानपुर में धूमधाम से अन्नकूट पर्व मनाया गया जहां नए अनाज पर अधिष्ठाता भगवान रघुनाथ विराजमान हुए. भगवान रघुनाथ के मंदिर में विशेष पूजा हुई और श्रद्धालुओं के लिए भंडारे का आयोजन भी हुआ.
Himachal News: जिला कुल्लू के मुख्यालय रघुनाथपुर में अधिष्ठाता भगवान रघुनाथ मंदिर में शनिवार को अन्नकूट पर्व पर सैकड़ों लोगों ने माथा टेककर दर्शन किए. दूर-दूर से लोग भगवान रघुनाथ के दर्शन के लिए कुल्लू स्थित सुल्तानपुर पहुंचे. जहां पर भगवान रघुनाथ मंदिर में मनाए जाने वाले अन्नकूट पर्व में भाग लिया. भगवान रघुनाथ मंदिर में शनिवार को सुबह की पूजा अर्चना के बाद रसोई तैयार करने का कार्य शुरू हुआ. मंदिर में रघुनाथ को पवित्र स्नान के बाद उनका श्रृंगार किया गया. रसोई में भारी भरकम कड़ाही में तैयार चावलों को पर्वत का आकार दिया गया. इसके बाद भगवान रघुनाथ को चावल के इस ढ़ेर पर बिठाया गया और विशेष पूजा अर्चना हुई.
रघुनाथ के जयकारों के बीच मंदिर में महिलाएं श्रीराम के भजनों में मशगूल रही और इस दौरान भजन कीर्तन का दौर चलता रहा. अन्नकूट पर्व की इस रस्म को निभाने के बाद रघुनाथ को पवित्र स्नान करवाया गया और उसके बाद रघुनाथ अपने कक्ष में विराजमान हुए. इसके पश्चात मंदिर में श्रद्धालुओं के लिए भंडारे का आयोजन हुआ. इस मौके पर घाटी सहित जिला भर के श्रद्धालुओं ने बड़ी संख्या में भगवान रघुनाथ के मंदिर पहुंचकर आशीर्वाद लिया.
कारदार दानवेंद्र सिंह
भगवान रघुनाथ के कारदार दानवेंद्र सिंह ने बताया कि रघुनाथ मंदिर में हर साल इस पर्व को धूमधाम से मनाया जाता है. अन्नकूट पर्व को गोवर्धन पूजा के नाम से भी जाना जाता है. अन्नकूट के दिन हर साल भगवान रघुनाथ को नए अनाज का भोग लगाया जाता है. अन्नकूट त्योहार हर वर्ष दिवाली के दूसरे या तीसरे दिन मनाया जाता है. जिसके लिए शास्त्र पद्धति के अनुसार दिन का चयन किया जाता है. भगवान रघुनाथ जी के कुल्लू में पदार्पण के बाद से मंदिर में गोवर्धन पूजा (अन्नकूट) द्वापर युग से की जा रही है. भगवान के सालभर मनाए जाने वाले मुख्य 40 पर्वों में से अन्नकूट पर्व भी एक है. यह उत्सव नई फसल के निकलने के बाद भगवान रघुनाथ को नए अनाज का भोग लगाने के लिए मनाया जाता है.
वही, श्रद्धालुओं का कहना हैं कि भगवान रघुनाथ के मंदिर में अयोध्या में भगवान श्रीराम को समर्पित सभी त्योहार मनाए जाते है और वह हर साल अन्नकूट सहित अन्य त्योहार में शामिल होते है. अन्नकूट के अवसर पर भगवान को नए अनाज का भोग लगाया जाता हैं और भक्त भी यहां पर नए अनाज को प्रसाद के रूप में पाते है.