Nahan News: भारतीय ट्रेड यूनियन (CITU) के बैनर तले सिरमौर जिला मुख्यालय नाहन में आज मजदूरों, आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं ,आशा वर्करों से जुड़ी मांगो को लेकर प्रदर्शन किया गया.  मुख्य बस अड्डा नाहन से लेकर जिला उपायुक्त कार्यालय तक रोष रैली निकाली गई, जिसके बाद केंद्र सरकार को मांग पत्र भेजा गया. 


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मीडिया से बात करते हुए सीटू के जिला सचिव आशीष कुमार ने बताया कि केंद्र की मौजूदा गठबंधन की सरकार ने 100 दिन का जो एजेंडा फिक्स किया है. उसमें मजदूरों के 44 कानूनों को खत्म करने की साजिश की गई है. उन्होंने कहा कि सिर्फ बड़े उद्योगपतियों को लाभ पहुंचाने के लिए श्रम कानूनों को खत्म किया जा रहा है, जिसका बड़ा असर आने  वाले समय में देखने को मिलेगा और मजदूर अपनी आवाज नहीं उठा पाएगा.


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उन्होंने कहा कि इस प्रदर्शन के माध्यम से मांग की जा रही है कि हिमाचल प्रदेश के भीतर आउटसोर्स की भर्तियों को बंद किया जाए क्योंकि आउटसोर्स की भर्तियों के जरिए सिर्फ चहेते लोगों को भर्ती किया जाता है. फिर चाहे कोई भी सरकार सता में हो. 


आशीष कुमार ने कहा कि देश के अंदर आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की अनदेखी की जा रही है और इनको कभी भी समय पर वेतन नहीं मिलता है. कभी केंद्र सरकार तो कभी राज्य सरकार की तरफ से इनका बजट जारी नहीं होता है. उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश में मिड डे मील वर्कर को न्यायालय के आदेशों के बावजूद 12 महीने का वेतन नहीं दिया जा रहा है. उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि आशा वर्करों को भी निर्धारित वेतन नहीं मिलता है जबकि आशा वर्कर दिन रात स्वास्थ्य विभाग के कार्यो में जुटी हुई है. 


रिपोर्ट- देवेंद्र वर्मा, नाहन