मनीष ठाकुर/कुल्लू: आपदा से क्षतिग्रस्त हुए मलाणा गांव में ग्रामीणों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. यहां मलाणा पावर प्रोजेक्ट का डैम टूटने के बाद क्षतिग्रस्त हुआ रास्ता 5 महीने बीत जाने के बाद भी नहीं बनाया जा रहा है, जिसके चलते ग्रामीण खासकर बीमार लोगों को कुल्लू पहुंचने में मुश्किलों का सामना करना पड़ता है. 


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गांव में राशन की भी हो रही किल्लत 
वहीं गांव में राशन की भी किल्लत हो रही है. हालांकि गांव जाने के लिए एक तार स्पेन (झूला पुल) तो लगाया गया है, लेकिन उसका भी किराया मनमाने तौर पर वसूला जा रहा है. उसी पर सामान भी ढोया जा रहा है. ग्रामीणों को दोगुना दाम देकर रोजमर्रा का सामान खरीदना पड़ रहा है. ऐसे में इसी मुद्दे को लेकर आज ग्रामीणों का एक प्रतिनिधिमंडल डीसी कुल्लू तोरल एस रविश से मिलने पहुंचा और उनके समक्ष मांग रखी कि जल्द ही यहां सड़क की मरम्मत का कार्य शुरू किया जाए ताकि सर्दियों के मौसम में ग्रामीणों को परेशानियों का सामना न करना पड़े.


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रास्ते में 150 से अधिक गाड़ियां फंसी 
मलाणा गांव के पूर्व प्रधान भागी राम ने कहा कि गांव के रास्ते में 150 से अधिक गाड़ियां फंसी हुई हैं, जिन्हें निकाला नहीं जा सकता है. गाड़ी के मालिकों को गाड़ियों की किस्त भरने में भी मुश्किलें आ रही है. उन्होंने डीसी कुल्लू के समक्ष मांग रखी कि जल्द ही इन रास्तों को ठीक किया जाए ताकि वहां से गाड़ियों को निकाला जा सके.


ग्रामीण निलेश गौतम ने कहा कि गांव में बीमार, मरीज, गर्भवती महिलाओं को अधिक दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. टूटे हुए रास्तों से उन्हें नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र तक ले जाने के लिए भी काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. ऐसे में जल्द ही मलाणा गांव के लोगों की समस्या को सुना जाए ताकि उन्हें इस समस्या से निजात मिल सके. 


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