अरविंदर सिंह/हमीरपुर: कोई भी माता-पिता नहीं चाहता कि उनके बच्चे के शरीर में किसी तरह का कोई विकार हो, लेकिन कुछ बच्चों को जन्म से ही शारीरिक समस्याएं होती हैं, जिनका इलाज भी असंभव सा होता है. अगर हम बात करें मेडिकल कॉलेज हमीरपुर की तो यहां भी ऐसे कई बच्चों का जन्म होता है, जिनके शरीर में कुछ शारीरिक समस्याएं होती हैं. इनमें कुछ बच्चे ऐसे भी होते हैं, जिनके पैर जन्म से ही टेढ़े होते हैं. इनके पैरों का टेढ़ापन प्राकृतिक तौर पर होता है. 


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68 बच्चों का किया गया सफल उपचार  
इसी को देखते हुए मेडिकल कॉलेज हमीरपुर के ऑर्थो विभाग के विशेषज्ञों ने टेढ़े पैरों के साथ जन्मे बच्चों का बिना ऑपरेशन सफल इलाज किया है. अधिकांश बच्चों के टेढ़े पैर अब ठीक भी हो गए हैं. हैरानी इस बात की है कि चिकित्सकों ने बिना ऑपरेशन मात्र प्लास्टर से ही इस तरह के बच्चों का उपचार किया है. ऑर्थो विभाग ने ऐसे 68 बच्चों का सफल उपचार किया है, जिनके पैर जन्म से ही टेढ़े थे.


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बच्चों को विशेष प्रकार के जूते करवाए गए उपलब्ध 
इन बच्चों के लिए विशेष प्रकार के जूते भी उपलब्ध करवाए हैं. बता दें, मां के गर्भ में ही कई बच्चे क्लब फुट बीमारी से पीड़ित हो जाते हैं. जन्म के बाद इन्हें ऑर्थो विभाग में रैफर किया जाता है, जहां महज प्लास्टर से ही इनका उपचार होता है और कुछ हफ्तों तक प्लास्टर को निर्धारित समय अवधि में बदलना पड़ता है. 


6 साल तक निगरानी की होती है जरूरत 
चिकित्सकों की मानें तो इस बीमारी के दोबारा लौटने की संभावनाएं भी रहती हैं. ऐसे में बच्चों को लगभग 6 साल तक निगरानी में रखा जाता है. समय-समय पर इनकी जांच करवाना जरूरी होता है. हड्डी रोग विभाग के अध्यक्ष डॉ. संजय ठाकुर ने बताया कि क्लब फुट बीमारी से पीड़ित बच्चों का ऑर्थो विभाग की तरफ से सफल उपचार किया जा रहा है. यह उपचार बिना किसी ऑपरेशन के किया जा रहा है. इसमें अनुष्का फाउंडेशन की तरफ से भी पूर्ण सहयोग किया जा रहा है. अब तक 68 बच्चों का उपचार किया जा चुका है.


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