Hamirpur News: ग्राम पंचायत ऊखली के तहत आने वाले भगोट गांव में बंदरों के झुंड ने एक बुजुर्ग महिला पर जानलेवा हमला कर दिया. अपने मकान की छत पर कपड़े सूखाने के लिए डाल रही बुजुर्ग महिला पर अचानक बंदर टूट पड़े. साथ ही दांतों से इसके शरीर पर गहरे घाव कर दिए.


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बुजुर्ग महिला के चिल्लाने की आवाज सुनकर जब परिजन पहुंचे तो बंदरों ने इस बुरी तरह से लहूलुहान कर दिया था. परिजनों ने डंडों के माध्यम से बंदरों को डरा कर किसी तरह बुजुर्ग महिला को उनके चंगुल से छुड़ाया. इसके बाद बुजुर्ग महिला को उपचार के लिए ले जाया गया. बंदरों के हमले में बुरी तरह से घायल हुई महिला बिस्तर पर है. ग्रामीणों का यह भी दावा है कि पहले भी ऐसे कई हमले बंदर कर चुके हैं, लेकिन अवगत करवाने के बावजूद वन विभाग की तरफ से कोई सकारात्मक कार्रवाई नहीं की गई. 


अब हालात ऐसे हैं कि बंदरों की तादाद बढ़ गई है तथा यह जानलेवा हमला कर रहे हैं. बुजुर्ग महिला की पीठ तथा शरीर के अन्य हिस्सों पर काफी गंभीर तथा गहरे घाव हुए हैं. ग्रामीणों का कहना है की समस्या का समाधान नहीं हुआ तो आने वाले समय में यह बंदर किसी बड़ी अनहोनी को अंजाम दे सकते हैं.


ग्रामीणों ने यह भी आरोप लगाया कि एक बार सुबह के समय बंदरों को यहां से पकड़ कर नसबंदी के लिए ले जाया गया, लेकिन शाम को ही यहां लाकर छोड़ दिया गया. यदि इन सब की नसबंदी की गई थी तो फिर उनकी जनसंख्या में वृद्धि कैसे हुई. ग्रामीणों का कहना है कि दिन प्रतिदिन इनकी तादाद क्षेत्र में बढ़ती जा रही है.


जानकारी के मुताबिक, भगोट गांव की 80 वर्षीय प्रेमी देवी बीते सोमवार दिन के समय मकान की छत पर कपड़े सूखने के लिए डाल रही थी. बुजुर्ग महिला को अकेला देखकर बंदरों के एक झुंड ने इस पर हमला कर दिया. कुछ बंदरों ने इस पीठ पर काटा तो कुछ नहीं टांगो पर गहरे घाव कर दिए. बुजुर्ग महिला के चिल्लाने के बाद परिजन तथा ग्रामीण एकत्रित हुए तथा इसे बंदरों के चंगुल से छुड़ाया गया.


ग्रामीण विनोद कुमार का कहना है कि वह इस समस्या के बारे में हेल्पलाइन नंबर 1100 पर भी कंप्लेंट कर चुके हैं. बंदरों की तादाद क्षेत्र में बढ़ती जा रही है जो की चिंता का विषय है. उन्होंने कहा कि वन विभाग के कर्मचारियों को भी कई बार अवगत करवाया गया, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की जा रही.


घायल हुई बुजुर्ग महिला की बहु कमलेश कुमारी ने बताया कि अचानक ही बंदरों ने उसकी सास पर हमला कर दिया. अगर वह घर पर नहीं होते तो बड़ा हादसा पेश आ सकता था. उन्होंने वन विभाग से समस्या के समाधान की मांग की है.


ग्रामीण सुलोचना देवी ने बताया कि एक बार उसके ऊपर भी बंदर हमला कर चुके हैं. किसी तरह उसने बंदरों के हमले से खुद को सुरक्षित किया था. इनका कहना है कि यदि छोटे बच्चों पर बंदर हमला करते हैं तो फिर बड़ा नुकसान हो सकता है. ऐसे में बंदरों को यहां से पिंजरा लगाकर कहीं अन्यत्र जंगल में शिफ्ट किया जाना चाहिए.


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ग्रामीण सुरेंद्र कुमार ने कहा कि यदि वन विभाग का यही रवैया रहा तो मजबूरी में विवाह का घेराव करना पड़ेगा. उन्होंने कहा कि आए दिन बंदर ग्रामीणों के लिए घातक सिद्ध हो रहे हैं. वन विभाग द्वारा उचित कार्रवाई न किए जाने की वजह से ग्रामीणों में काफी रोष पनप रहा है. उन्होंने कहा कि विभाग उचित कार्रवाई करें नहीं तो ग्रामीण एकजुट होकर प्रदर्शन पर उतर आएंगे. 


रिपोर्ट- अरविंदर सिंह, हमीरपुर