चंडीगढ़- पीरियड्स आने से पहले ही हर लड़की परेशान हो जाती हैं. महिलाओं के लिए हर महीने पीरियड्स के तीन या चार दिन  काफी मुश्किल भरे होते हैं.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

पीरियड्स के दौरान महिलाएं अक्सर तनाव में रहती हैं. इन दिनों में महिलाओं के तनाव में रहने के दो कारण होते हैं, एक तो मनोवैज्ञानिक कारण से कि वो पीरियड्स और उससे जुड़ी असुविधाओं को लेकर बहुत सोचती हैं और दूसरा प्रीमेन्स्ट्रुअल सिंड्रोम यानी पीएमएस के कारण से.


 पीरियड्स के दौरान महिलाओं के शरीर में कुछ हार्मोनल बदलाव होते हैं, जिसकी वजह से मूड स्विंग, चिड़चिड़ापन और बात-बात पर इमोशनल होना जैसी समस्याएं हो सकती  हैं. इसके अलावा पेट में ऐंठन और शरीर में दर्द की समस्या भी रहती है.


क्यों होते हैं पीरियड्स?


महिलाओं की ओवरी में एक अंडा होता है जो समय के साथ मैच्योर होता है, ये दोनों में से किसी भी ओवरी में हो सकता है. मैच्योर होने के बाद ये यूटरन ट्यूब के रास्ते नीचे यूटरस यानी गर्भाश्य में आने लगता है. यहां अगर इसे स्पर्म मिल जाता है, तो ये फर्टीलाइज करता है.
इसी दौरान यूटरस प्रेग्नेंसी की तैयारी में लग जाती है. फर्टीलाइज किए अंडे का स्वागत करने के लिए ये मुलायम कोशिकाएं बनाने लगती है, लेकिन जब स्पर्म नहीं मिलता है तो इन कोशिकाओं की कोई जरुरत नहीं होती ऐसे में इन कोशिकाओं और उस अंडे को शरीर से बाहर निकलना पड़ता है. यही है हर महीने होने वाली ब्लीडिंग.


मूड स्विंग कंट्रोल करने के टिप्स
आइए जानते हैं कि पीरियड्स में मूड स्विंग की समस्या से बचने के लिए आप कौन-कौन से उपाय अपना सकते हैं.


मूड स्विंग को कंट्रोल करने के लिए सही डाइट लें. महिलाओं के लिए डाइट में प्रोटीन, फाइबर, पानी आदि चीजों को ट्रैक करना चाहिए.
एक्सरसाइज करने से हैप्पी हॉर्मोन का उत्पादन बढ़ाया जा सकता है. जिससे पीरियड्स के दौरान मूड स्विंग कम होगा.
पर्याप्त नींद लेने से भी महिलाएं हैप्पी हॉर्मोन का उत्पादन बढ़ा सकती हैं.
पीरियड्स के दौरान भावनात्मक सपोर्ट बहुत जरूरी है. इससे महिलाओं में चिड़चिड़ापन कम हो सकता है.


सबसे जरूरी पीरियड्स में मूड स्विंग को कम करने के लिए आप भरपूर मात्रा में पानी पिएं. पानी पीने से आपकी ब्लोटिंग नहीं होगी. अगर आप गुनगुना पानी पीते हैं, तो पीरियड्स क्रैम्प्स की समस्या में भी राहत मिलती है. इसलिए, दिन में कम से कम 8 से 9 गिलास पानी पिएं. इससे दर्द और इर्रिटेशन की दिक्कत नहीं होती है और आलस भी महसूस नहीं  होगी.