Himachal Pradesh में लोगों को `मुख्यमंत्री मधु विकास योजना` का मिल रहा भरपूर लाभ
Himachal Pradesh News: हिमाचल प्रदेश में लोगों को `मुख्यमंत्री मधु विकास योजना` का भरपूर लाभ मिल रहा है. इस योजना के तहत एक ग्रामीण ने खुद के साथ अन्य लोगों को भी रोजगार दिया है.
राकेश मल्ही/ऊना: हिमाचल प्रदेश सरकार की योजनाएं स्वरोजगार को बढ़ावा देने के साथ-साथ अच्छी कमाई का जरिया भी बन रही हैं. प्रदेश सरकार की मदद व अपनी मेहनत से किसान इन योजनाओं से लाभान्वित होकर अपने परिवार का बेहतर ढंग से पालन-पोषण कर रहे हैं. हरोली विधानसभा क्षेत्र के तहत दुलैहड़ गांव के निवासी जसबीर प्रदेश सरकार की 'मुख्यमंत्री मधु विकास योजना' का लाभ लेकर आज करोड़ो रुपये कमा रहे हैं.
जसबीर सिंह ने बताया कि पुश्तैनी व्यवसाय मौन पालन होने के चलते उन्होंने 12वीं की पढ़ाई करने के बाद इसी व्यवसाय को स्वरोजगार के रूप में चुन लिया. जसबीर गांव के अन्य लोगों को भी इस व्यवसाय से जोड़कर रोजगार के साधन उपलब्ध करवा रहे हैं. जसबीर ने बताया कि शुरुआती दिनों में उन्होंने मधुमक्खी के 70 बॉक्स के साथ मौन पालन का व्यवसाय को शुरू किया था जो कि वर्तमान में 550 मधुमक्खी बॉक्सों के करीब पहुंच गया हैं.
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उन्होंने बताया कि वे एक साल में लगभग 50 टन शहद का उत्पादन कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि मौन पालन का कार्य करने के लिए उन्हें प्रदेश सरकार द्वारा किसानों और बागवानों के लिए संचालित की जा रही 'मुख्यमंत्री मधुमक्खी पालन योजना' के तहत एक लाख 76 हजार रुपये उपदान राशि मिली है.
जसबीर ने मौन पालन के कार्य के लिए 4 व्यक्तियों को स्थायी रोजगार दिया है. इसके अलावा मधुमक्खियों के बॉक्सों को एक जगह से दूसरी जगह शिफ्ट करने के लिए वाहन और लेबर कार्य करने वाले भी लोग उनसे जुडे़ हुए हैं, जिन्हें अस्थाई रूप से रोजगार मिलता है. जसबीर ने शहद को सेल करने के लिए अमराली में सत्संग घर के पास एक हनी प्रोसैसिंग यूनिट स्थापित किया है, जिसमें 50 ग्राम से लेकर 1 किलोग्राम तक की पैकिंग उपलब्ध होती है. उन्होंने बताया कि 1 किलोग्राम हनी की कीमत 350 रुपये निर्धारित की गई है. इसके अलावा शहद मंगवाने के लिए कुरियर सुविधा भी उपलब्ध है.
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वहीं, उद्यान विभाग ऊना के उपनिदेशक संतोष बख्शी ने बताया कि 'मुख्यमंत्री मुध विकास योजना' के हर चरण में बागवानों/किसानों को सब्सिड़ी की सुविधा दी जा रही है. 'मुख्यमंत्री मधु विकास योजना' का उद्देश्य किसानों को राज्य में मधुमक्खी उत्पादों के उत्पादन और मधुमक्खी पालन के लिए प्रोत्साहित करना है.
इस योजना के तहत मधुमक्खियों के 50 बॉक्सों के लिए 80 प्रतिशत सब्सिड़ी विभाग के माध्यम से दी जाती है. 'मधुमक्खी पालन ऋण योजना' के तहत मधुमक्खी पालन करने वाले लाभार्थी को सभी जरूरी सामग्री उपकरणों पर एक सेट प्रति लाभार्थी को 20 हजार रुपये प्रति इकाई की लागत पर 80 प्रतिशत और 16 हजार रुपये की सब्सिडी दी जाती है.
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