Bilaspur News: नैनादेवी से विधायक एवं हिमाचल प्रदेश बीजेपी मीडिया प्रभारी रणधीर शर्मा ने गुरुवार को प्रदेश की कांग्रेस सरकार के कार्यकाल को लेकर जमकर निशाना साधा है. विधायक रणधीर शर्मा का आरोप है कि हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व वाली सरकार ने 12 महीनों में 12 जनविरोधी निर्णय लेकर जनता को महंगाई के बोझ में दबाने व प्रदेश को विकास में पिछाड़ने का काम किया है.


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रणधीर शर्मा का कहना है कि प्रदेश में कांग्रेस सरकार ने आते ही जहां पूर्व भाजपा सरकार के कार्यकाल में खोले गए एक हजार से अधिक संस्थानों को बंद करने का काम किया, तो साथ ही छह रुपये डीजल महंगा कर दिया. 


इसके साथ ही 10 रुपये सीमेंट की बोरी में बढ़ोतरी की, 22 पैसे प्रति यूनिट बिजली दर में बढ़ोतरी, औद्योगिक क्षेत्रों में 19 प्रतिशत बिजली की दरों में बढ़ोतरी की, मंदिर-दर्शन पर फीस लगा दी, राजस्व विभाग की स्टांप ड्यूटी व अन्य फीस में बढ़ोतरी की, स्टोन क्रशर बंद कर रेत बजरी महंगी करने सहित हर विधानसभा क्षेत्र में विधायक निधि की 50 लाख रुपये की एक क़िस्त जारी ना करके प्रदेश सरकार लगातार जनविरोधी निर्णय ले रही है तो साथ ही एक साल में 12 हजार करोड़ का कर्जा लेने के बावजूद भी प्रदेश के मुख्यमंत्री कर्मचारियों का ना तो वेतन दे पा रहे हैं और ना ही प्रदेश में विकास कार्यों को अमलीजामा पहना पा रहे है. 


वहीं रणधीर शर्मा ने कहा कि प्रदेश की कांग्रेस सरकार द्वारा अपनी गारंटियों को पूरा करने में फेल साबित हुई है. जिसका नतीजा यह है कि प्रदेश में ओपीएस अभी तक पूरी तरह से लागू नहीं हो पाया है और कर्मचारियों को इसका लाभ मिलने में असमंजस की स्थिति बनी हुई है. 


इसके साथ ही विधायक रणधीर शर्मा ने प्रदेश सरकार द्वारा छह-छह सीपीएस नियुक्त कर उनपर लाखों रुपये महीने का खर्च करने व मंत्रियों की कोठियों की मरम्मत पर करोड़ों रुपये खर्च कर फिजूलखर्ची करने के चलते ही अब प्रदेश के कर्मचारियों को वेतन नहीं मिल पाने की बात कही है.


रिपोर्ट- विजय भारद्वाज