Himachal Pradesh: उप मंडल नालागढ़ के तहत पहाड़ी हल्के रामशहर व साई के किसान इन दिनों क्षेत्र में बारिश न होने के चलते खासे परेशान है और किसानों को अब बारिश न होने के कारण आर्थिक तंगी आने का डर सताने लगा है. आपको बता दें कि पहाड़ी हलके के 90% किसान बारिश के पानी पर ही निर्भर है और अगर बारिश होती है तो वह गेहूं व अन्य नगदी फसले जिसमें टमाटर, मटर, आलू, लहसुन, लगाकर अपना जीवन गुजारते हैं. लेकिन इस बार पिछले तीन माह से क्षेत्र में बारिश नहीं हुई है जिसके चलते पिछली फसले तो बर्बाद हुई ही है लेकिन आने वाली फसले भी वह नहीं लगा पाए हैं. अब किसानों को आर्थिक तंगी होने का खतरा भी सताने लगा है. किसानों ने सरकार से एक बार फिर उचित मुआवजे की गुहार लगाई है ताकि वह अपने घर व परिवार का पालन पोषण कर सके.


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किसानों का क्या कहना है? 
इस बारे में जब किसानों से बातचीत की तो उन्होंने कहा कि पिछले कई माह से क्षेत्र में बारिश नहीं हो रही है जिसके चलते अब वह अपनी गेहूं व अन्य नगदी फसलों की बुवाई नहीं कर पाए हैं. किसानों का कहना है कि अगर एक सप्ताह तक बारिश ना हुई तो वह अपनी फसलों की बुवाई नहीं कर पाएंगे और पिछली बरसात की तरह इस बार क्षेत्र में बारिश बहुत कम हुई है और पहले मक्की और धान एवं अन्य नगदी फैसले भी बर्बाद हो चुकी थी. जिसके चलते अब फिर एक बार उन्हें आर्थिक तंगी का डर सताने लगा है किसानों ने सरकार और प्रशासन से उचित मुआवजे की गुहार लगाई है.


कृषि विभाग विशेषज्ञ 
कृषि विभाग नालागढ़ के विशेषज्ञ डॉक्टर संदीप गौतम इस बारे में कहा की क्षेत्र में बारिश न होने के कारण किसानों को तो परेशानी हो रही है लेकिन निचले क्षेत्र में लोग खेतों को सिंचाई करने के बाद गेहूं व अन्य फसलों की बुवाई करनी शुरू कर चुके हैं. उनका कहना है कि किसानों को 50% सब्सिडी पर बीज खाद व अन्य उपकरण उपलब्ध करवाए जा रहे हैं. उन्होंने किसानों से कहा है कि रामशहर व नालागढ़ ब्लॉक में गेहूं व अन्य फसलों का बीज आ चुका है और वह मात्र आधार कार्ड दिखाकर बीज खरीद सकते हैं. उन्होंने यह भी कहा कि बारिश पर पहाड़ी हल्का 90 फिसदी निर्भर रहता है अगर बारिश होती है तो पहाड़ी हलके के लोग भी अपनी बुआई कर सकेंगे.