बिशेषर नेगी/रामपुर: हिमाचल प्रदेश के श्रीखंड के पास बादल फटने से तीन खड्डों में आई बाढ़ में समेज और बागी पुल में 45 लोगों बह गए थे. इनमें 36 समेज से और 9 बागीपुल से इकतीस जुलाई की मध्य रात्रि को आई बाढ़ के बाद अन्य बचाव दलों के साथ एनडीआरएफ ने भी मोर्चा संभाल दिया था. नूरपुर 14 बटालियन के एनडीआरएफ जवान समेज से लेकर के सुन्नी तक जगह-जगह बह गए लोगों को खोजने के कार्य में जुटे हैं.


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एनडीआरएफ आपदा सेवा सदैव सर्वोत्तर का अपना दायित्व निभाते हुए लगातार विकट परिस्थितियों में अपने कुशलता का परिचय दे रही है. यह सर्च अभियान जब तक संभावनाएं क्षीण न हो तब तक जारी रहेगा. एनडीआरएफ 14वीं बटालियन के कमांडेंट बलजिंदर सिंह ने हिमाचल के आपदाग्रस्त विभिन्न क्षेत्रों का दौरा कर स्थिति का जायजा ले रहे हैं और अपने जवानों को जरूरी दिशा-निर्देश भी दे रहे हैं. उन्होंने समेज में आपदा प्रभावित क्षेत्र का बारीकी से अवलोकन किया और जवानों को सर्च ऑपरेशन को किस तरह अंजाम देना है उसे लेकर जरूरी दिशा-निर्देश भी दिए.


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एनडीआरएफ के कमांडेंट बलजिंदर सिंह ने बताया कि एनडीआरएफ का रिस्पॉन्स हिमाचल प्रदेश में त्वरित है, क्योंकि इस साल संभावित आपदा वाले क्षेत्रों में पहले ही टीमें तैनात की गई थीं. हिमाचल प्रदेश में दूर-दराज के इलाकों में आपदाएं अक्सर घटती रहती हैं, वहां पहुंचने में समय लगता है. उन्होंने कहा कि इस साल की त्रासदी की बात करें तो 1 अगस्त को तीन स्थानों पर बादल फटने के बाद बाढ़ आने की घटनाएं हुई थीं. सबसे बड़ी घटना समेज की है. इसके अलावा मंडी पधर के राजवन गांव में और कुल्लू में दो-तीन स्थानों पर भारी नुकसान हुआ है.


एनडीआरएफ की बात करें तो समेज की डाउनस्ट्रीम में एनडीआरएफ की टीम लगी है. सुन्नी में चार डेड बॉडीज एनडीआरएफ ने रिकवर की हैं और संभावना है कि यह सभी समेज से बह कर गए हों. उन्होंने बताया कि ऊपरी क्षेत्र की बात करें तो अब तक दस शव बरामद हो चुके हैं. इसके अलावा 10 लोग राजवन में लापता थे, उनमें से 9 शवों को बरामद कर लिया गया है जबकि एक अभी भी लापता है.


उन्होंने कहा कि हमारा मिशन अभी भी जारी है. इसके अलावा कुल्लू के मलाणा में लोग फंस गए थे वहां से 20 लोगों को निकाला गया है. वहां डैम के साथ चार अभियंता फंसे थे. उन्हें भी कठिन परिस्थितियों में रेस्क्यू किया गया. उन्होंने कहा कि हमारी टीम विभिन्न स्थानों में तैनात की गई हैं, क्योंकि बल का गठन ही इसीलिए हुआ था. हमारा जो उद्देश्य है आपदा सेवा सदैव सर्वोत्तर उसका वह निर्वहन कर रहे हैं.


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