No Smoking Day पर जानें कैसे स्मोकिंग करने से बढ़ रहे हैं लंग कैंसर, शराब के साथ स्मोकिंग करना बेहद खतरनाक!
What in Cancer? विश्व नो स्मोकिंग दिवस पर जानिए कैसे स्मोकिंग करने से कैंसर होने के कारण लगातार बढ़ रहे हैं. हिमाचल की बात करें, तो प्रदेश लंग कैंसर के मरीजों की संख्या बढ़ रही है. इस खबर में जानें क्या होता है कैंसर?
No Smoking Day: हिमाचल में तमाम प्रयासों के बाद भी कैंसर के मरीजों में कमी नहीं आ रही है. बीमारियों से होने वाली मौतों का सबसे बड़ा कारण भी कैंसर है. चिकित्सक की मानें तो कैंसर अस्पताल शिमला में आने वाले कैंसर के मरीजों में सबसे अधिक लंग कैंसर के मरीज होते हैं. प्रदेश में पुरुषों के लंग कैंसर अधिक है. वहीं, महिलाएं भी इसकी चपेट में हैं.
कैंसर अस्पताल शिमला के एचओडी डॉ मनीष गुप्ता ने बताया कि ओपीडी में आने वाले लंग कैंसर के मरीजों में 99 फीसदी कारण स्मोकिंग रहता है. लोग लंग कैंसर की बीमारी को खुला न्यौता दे रहे है.
डॉ मनीष ने बताया कि महिलाओं में लंग ब्रेस्ट कैंसर को छोड़ कर अन्य कैंसर में स्मोकिंग मुख्य कारण रहा है. उन्होंने कहा कि उनकी ओपीडी में आने वाली 10 महिलाओं में से 9 महिलाओं में कैंसर का मुख्य कारण स्मोकिंग है. उन्होंने कहा कि शहर में पब्लिक स्थानों पर स्मोकिंग वैन से शहर से गांव की अपेक्षा कम मरीज आते है जबकि गांव से अधिक मरीज आते है जिनमे कैंसर का कारण स्मोकिंग है.
शराब के साथ स्मोकिंग करने से कैंसर तेजी से फैलता है?
डॉ मनीष गुप्ता ने बताया कि शराब के साथ स्मोकिंग करने से कैंसर तेजी से फैलता है. उनका कहना है कि शराब के साथ स्मोकिंग से मुंह ओर गले का कैंसर होता है. शराब और स्मोकिंग से 2 तिहाई फीसदी कैंसर होता है. अगर शराब और स्मोकिंग छोड़ दे तो 2 तिहाई कैंसर कम हो जायेगा.
प्रदेश में लोग लंग कैंसर की गिरफ्त में है. इस बात का खुलासा इससे हो रहा है कि शिमला कैंसर अस्प्ताल में प्रतिवर्ष 2,500 से 3,000 मरीज के कैंसर के नए मरीज आते हैं, जिसमे 350 से 400 मरीज लंग कैंसर के होते है. ये मरीज शिमला, सोलन, सिरमौर, मंडी जिला से अधिक आ रहे है. यह जानकारी कैंसर हॉस्पिटल शिमला के एचओडी डॉ मनीश गुप्ता ने दी है. उनका कहना था कि 99 फीसदी मरीजों में लंग कैंसर धूम्रपान के कारण हो रहा है.
2020 से 2022 तक लंग कैंसर से पीड़ित मरीजों की संख्या
आईजीएमसी के कैंसर अस्पताल में हर साल 2500 से 3000 मरीज अपना इलाज करवाने पहुंचते हैं. साल 2020 में लंग कैंसर से 340 मरीज ग्रसित हुए. वहीं साल 2021 में 500 मरीज लंग कैंसर की चपेट में आए. इसके बाद 2022 में 520 मरीज लंग कैंसर से पीड़ित हुए. उनका कहना था कि हिमाचल में अधिकतर लंग कैंसर के मरीज गांव से आ रहे है.
क्या होता है कैंसर?
शरीर में कोशिकाओं के समूह की अनियंत्रित वृद्धि कैंसर है. जब ये कोशिकाएं टिश्यू को प्रभावित करती हैं, तो कैंसर शरीर के अन्य हिस्सों में फैल जाता है. कैंसर किसी भी उम्र में हो सकता है. अगर कैंसर का समय पर पता ना लगाया गया और उसका उपचार ना हो तो इससे मौत का जोखिम बढ़ सकता है.
कैंसर के कारण
कैंसर कई तरह का होता है और हर कैंसर के होने के अलग-अलग कारण हैं, लेकिन कुछ ऐसे कारक भी हैं जिनसे कैंसर होने का खतरा किसी को भी हो सकता है. इनमें वजन बढ़ना या मोटापा अधिक शारीरिक सक्रियता ना होना, एल्कोहल और नशीले, पदार्थों का अधिक मात्रा में सेवन करना, कैंसर में पौष्टिक आहार ना लेना, अपनी दिनचर्या में व्यायाम को शामिल ना करना इत्यादि है.
इसके अलावा कैंसर के अन्य कारण भी है. कैंसर आनुवांशिक भी हो सकता है. किसी गंभीर बीमारी के कारण भी आपको कैंसर हो सकता है. आप अगर किसी गंभीर बीमारी के लिए दवाएं ले रहे हैं, तो इन दवाओं के साइड इफेक्ट्स के कारण आप कैंसर के शिकार हो सकते हैं. कई बार उम्र के बढ़ने के साथ भी शरीर में चुस्ती-फुर्ती नहीं रहती और उम्र के पड़ाव पर व्यक्ति बीमार पड़ने लगता है, ऐसे में कई बार कैंसर भी हो जाता है.