Nurpur News: भारतीय राज्य पेंशनर कर्मचारी महासंघ के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एंव भाजपा पूर्व कर्मचारी प्रकोष्ठ के अध्यक्ष घनश्याम शर्मा ने आज पूर्व कर्मचारियों के साथ बैठक की. बैठक के बाद उन्होंने प्रेसवार्ता करते हुए प्रदेश सरकार को जमकर लताड़ा. 


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उन्होंने कहा कि यह सरकार दस महीनों में पूरी तरह फ़ेल हुई है और इन दस महीनों में इस सरकार ने कर्मचारियों के अधिकारों पर कुठाराघात किया है. उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि पुरानी पेंशन देने का वादा करने वाली इस सरकार के कार्यकाल में बिजली कर्मचारी सरकार के विरुद्ध रोष प्रदर्शन कर रहे हैं, तो जिला परिषद कर्मचारी चाहे वो पंचायत सचिव हो,तकनीकी सहायक हो या अधिकारी हो वो कलम छोड़ो हड़ताल पर है. 


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उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने वेलनेस सेंटर खोले थे. जिसमें एक मेडिकल ऑफिसर की नियुक्ति कर जनता को स्वास्थ्य लाभ देना था, लेकिन प्रदेश में एमबीबीएस के दो बैच निकल गए, लेकिन उन डॉक्टर्स की नियुक्ति इस सरकार ने नहीं की. उन्होंने कहा कि नियुक्तियां पैदा करना सरकार का काम है लेकिन सरकार इसमें पूरी तरह असफल रही है. 


साथ ही कहा कि प्रदेश में जिस समय कोरोना काल था तो कोरोना वारियर्स ने अपनी जान जोखिम में डाल कर स्वास्थ्य सेवाएं दी, लेकिन इस सरकार ने झटके में ही उन कोरोना वारियर्स कर्मचारियों को सड़कों पर लाकर खड़ा कर दिया. जबकि इन कोरोना वारियर्स कर्मचारियों को लेकर सरकार को कोई नीति बनानी चहिए थी.


घनश्याम शर्मा ने आउटसोर्स कमर्चारियों को लेकर कहा कि इस सरकार ने इन आउटसोर्स कर्मचारियों को लेकर पिक एंड चूज़ की नीति अपनाई है जिसमें वो पुराने कर्मचारियों को बाहर का रास्ता दिखाकर अपने करीबियों की नियुक्ति कर रहे है. उन्होंने कहा कि इस सरकार की इन्हीं कर्मचारी विरोधी नीतियों का जबाब प्रदेश की जनता लोकसभा चुनावों में देगी.